दुनिया के सबसे बड़े जोखिमों में शामिल भारत, मुश्किल रहेगा 2020: US एजेंसी
नई दिल्ली। अमेरिका की एक प्रभावशाली जोखिम का आंकलन करने वाली कंपनी ने एक रिपोर्ट दी है जोकि भारत के लिए खुश करने वाली नहीं है। 2020 में दुनिया के सामने जो पांच सबसे बड़ी चुनौती रहेगी उसमे भारत की चुनौती को पांचवे पायदान पर रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 में भारत के लिए भू-राजनीतिक जोखिम के तौर पर मुश्किल भरा रहने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल अधिकतर विवादित सामाजिक नीतियों का आगे बढा़ने और इसके प्रचार में गया है, इसका सबसे बड़ा जोखिम है आर्थिक मोर्चे पर देश को नुकसान। लिहाजा इसका असर 2020 में देखने को मिल सकता है।
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पांच बड़ी चुनौतियां
अमेरिकी एजेंसी ने सबसे बड़े जोखिम में शामिल देशों की सूची में भारत को पांचवे स्थान पर रका है। जबकि पहले पायदान पर अमेरिका को रखा गया है, यहां इस वर्ष राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। ऐसे में अमेरिका को लेकर रिपोर्ट में पांच बड़ी चुनौतियां जो एजेंसी को ओर से जाहिर की गई है उसमे पहले पायदान पर अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा को रखा गया है। दूसरे नंबर अमेरिका चीन के बीच तकनीकी जंग, तीसरे नंबर पर चीन के साथ अमेरिका की आर्थिक जंग, चौथे नंबर पर क्लाइमेट चेंज और पांचवे नंबर भारत का मोदीमय होना रखा गया है।
भारत में बड़े बदलाव
कंपनी की ओर से आशंका जताई गई है कि 2020 में सांप्रदायिक तनाव, क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ेगी। इसके अलावा विदेश नीति और आर्थिक मोर्चे पर भी भारत को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में भारत सबसे बड़े जोखिमों में रहेगा, मोदी सरकार के फैसलों से देश के लिए चुनौतियां बढ़ी हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया गया, पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठियों पर सख्ती दिखाई गई, धर्म के आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता का कानून पास किया गया। इन तमाम फैसलों में देश के गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा हाथ है।
तनाव बढ़ सकता है
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आने वाले वर्ष में देश में धार्मिक मामलों को लेकर राजनीति गर्मा सकती है, जिसका सीधा असर निचले स्तर के लोगों को देखने को मिलेगा। सरकार को जम्मू कश्मीर और आर्थिक मोर्चे पर मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। भारत की इस तस्वीर का असर दुनिया पर पड़ेगा जिसकी वजह से देश को आर्थिक और विदेश नीति के मोर्चे पर घाटा हो सकता है।
अमेरिका में शीर्ष पर
पहली बार अमेरिका की इस कंपनी ने अमेरिका और इसकी घरेलू राजनीति को वैश्विक स्तर पर भू राजनीतिक मामले में जोखिम के मामले में पहले पायदान पर रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम देख सकते हैं कि अमेरिका में चुनाव का जोखिम है, कई लोगों को लगता है कि यह अवैध, अस्थिर था और इसका असर विदेश नीति पर देखने को मिला है।
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