नहीं रहे ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मानित प्रसिद्ध साहित्यकार यूआर अनंतमूर्ति
नयी
दिल्ली।
प्रसिद्ध
साहित्कार
यूआर
अनंतमूर्ति
नहीं
रहें।
ज्ञानपीठ
पुरस्कार
से
सम्मानित
कन्नड़
साहित्य
के
प्रख्यात
साहित्यकार
यू
आर
अनंतमूर्ति
का
आज
एक
निजी
अस्पताल
में
निधन
हो
गया।
अनंतमूर्ति
का
इलाज
कर
रहे
डॉक्टर
ने
बताया
कि
देश
के
सर्वश्रेष्ठ
लेखकों
में
शुमार
साहित्यकार
ने
आज
शाम
अपनी
आखिरी
सांसें
ली।
यूआर
अनंतमूर्ति
को
बुखार
और
संक्रमण
के
कारण
उन्हें
10
दिन
पहले
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
था।
वो
82
साल
के
थे।
उनके
परिवार
में
उनकी
पत्नी
एस्थर,
एक
बेटा
और
एक
बेटी
है।
डॉक्टर ने संवाददाताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि अनंतमूर्ति को दिल का दौरा पड़ा था। वो पिछले कुछ साल से किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्हें मधुमेह एवं हदय रोग का इलाज भी करा रहे थे। कल रात से उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया। उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी।
अनंतमूर्ति ने अपने साहित्यिक जीवन के कई सालों में उन्हें 1998 में पदम भूषण से नवाजा गया। साल 1994 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार एवं 1984 में कर्नाटक के राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2013 के मान बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किए जाने के बाद अनंतमूर्ति पश्चिमी देशों की नजर में आए। वह 1980 के दशक के अंतिम सालों के दौरान केरल की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रहे थे। 21 दिसंबर 1932 को जन्मे यू आर अनंतमूर्ति का पूरा नाम उडुपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति था। उन्होंने अपनी साहित्यिक रचनाओं के जरिए कई मान्यताओं पर सवाल उठाए।