आइएएस की परीक्षा में भी होता है फर्जीवाड़ा!
नई
दिल्ली
(विवेक
शुक्ला)
संघ
लोक
सेवा
आयोग
(यूपीएससी)
ने
सिविल
सर्विसेज
परीक्षा
2013
में
सफल
कुछ
ओबीसी
कैटेगरी
के
उम्मीदवारों
से
कहा
है
कि
वे
पहले
अपने
ओबीसी
होने
की
स्थिति
का
सत्यापन
करें।
उसके
बाद
ही
उन्हें
किस
सेवा
में
जगह
मिलेगी
इस
बारे
में
फैसला
लिया
गया
है।
पेश नहीं किए गए सही दस्तावेज
जानकारों ने बताया कि किसी भी सूरत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने को ओबीसी कैटेगरी का साबित करने वालों के इरादों को नाकाम करने के लिए यह कार्रवाई की गई। पता चला है कि कुछ उम्मीदवारों की उम्मीदवारी उनके द्वारा कुछ अनिवार्य दस्तावेज न प्रस्तुत किए जाने के कारण फिलहाल स्थगित रखी गई है।
इसके साथ ही, कुछ उम्मीदवारों के सम्बन्ध में उनकी चिकित्सा परीक्षा को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इन उम्मीदवारों की स्थिति का सत्यापन होने के बाद उनके सेवा आवंटन पर विचार किया जाएगा।
फर्जी
प्रमाणपत्र
सौंपते
हैं
मालूम
चला
है
कि
देश
की
इन
सबसे
अहम
सरकारी
सेवाओं
का
अफसर
बनने
वाले
भी
कुछ
उम्मीदवार
फर्जी
दस्तावेज
सौंप
देते
हैं।
इनमें
उनकी
जाति
का
प्रमाणपत्र
भी
हो
सकता
है।
इसी
के
चलते
संघ
लोकसेवा
आयोग
चाहता
है
कि
सफल
ओबीसी
उम्मीदवार
पहले
अपनी
जाति
को
साबित
कर
दें।
उसके
बाद
उनकी
सेवा
पर
फैसला
हो
जाएगा।
इस बीच, संघ लोक सेवा आयोग ने सफल उम्मीदवारों का सेवा आवंटन भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केन्द्रीय ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' सेवाओं में कर दिया गया है।
1122 उम्मीदवारों की सिफारिश
पता चला है कि संघ लोक सेवा आयोग ने 1122 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की है जिन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा-2013 में सफलता पाई थी। 981 उम्मीदवारों के सम्बन्ध में सेवा आवंटन कर दिया गया है। इन 981 उम्मीदवारों को विभिन्न सेवाओं के आवंटन होते हुए कुछ उम्मीदवारों का आवंटन अस्थाई रखा गया है क्योंकि उन्हें बेहतर सेवा का अवसर मिल सकता है।