IAS Topper: "बिहार की हवा में ही होती है....आईएएस करना है"! शुभम कुमार ने यह कर दिखाया
नई दिल्ली, 24 सितंबर: यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट आ गया है और बिहार के शुभम कुमार इस बार आईएएस टॉपर बने हैं। उन्होंने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। पिछले साल उन्हें ऑल इंडिया रैंक 290 मिला था। शुभम कुमार बिहार के कटिहार के रहने वाले हैं और उनके पिता बिहार ग्रामीण बैंक में मैनेजर हैं। इस कामयाबी के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उन्हें बधाई दी है। इस बार संघ लोक सेवा आयोग ने कुल 761 सफल उम्मीदवारों की नियुक्ति की सिफारिश सरकार को भेजी है। सुभम आईआईटी इंजीनियर हैं। उनके लिए आईएएस का करियर क्यों महत्वपूर्ण है आइए जानते हैं।
"बिहार की हवा में ही होती है...आईएएस करना है"
इस बार के आईएएस टॉपर शुभम कुमार आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियर हैं और उन्होंने यह शानदार कामयाबी तीसरे अटेंप्ट में पाया है। यूपीएससी परीक्षा 2019 में जब उन्हें 290वां रैंक मिला था तो उनके परिवार वाले खुशी से उछल गए थे। जाहिर है कि अब घर का बेटा देश में आईएएस का पहला रैंक लाया है, तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं होगा। बता दें कि पिछली बार जब शुभम कुमार से सवाल किया था कि आईआईटी करने के बाद नौकरी के बेहतरीन मौके छोड़कर वे सिविल सर्विस में क्यों आना चाहते हैं तो उनकी जुबान से एकसाथ बिहार के लाखों नौजवानों की दिली इच्छा जाहिर हुई थी। तब उन्होंने यूएनएकैडमी से एक ऑनलाइन इंटरव्यू में कहा था- "बिहार की हवा में ही होती है .....सब लोग बोलते हैं कि आईएएस करना एक दिन...तो बचपन से ही एक सपना था कि एक दिन तैयारी करनी है।"
सफलता का श्रेय परिवार को दे चुके हैं शुभम
इस साल के आईएएस टॉपर शुभम कुमार के साथ एक और खास बात जुड़ी है जो बिहार के हजारों युवाओं के साथ जुड़ी होती है। उनका परिवार अभी भी संयुक्त है, जिसमें माता-पिता और चाचा-चाची के साथ सभी भाई-बहन साथ में ही रहते हैं। जब उनसे अपनी सफलता का श्रेय बताने को कहा गया तो वे बोले कि "ज्वाइंट फैमिली है और अपनी सफलता का श्रेय पूरे परिवार को देता हूं। सबने मेरी हर तरह से मदद की है और घर की किसी भी परेशानी को मुझ तक नहीं आने दिया....ताकि मैं अपनी तैयारी ठीक से कर सकूं..... मुझे दोस्तों के चलते भी बहुत मदद मिली।"
"ताकि बाद में पछतावा न हो..."
तब शुभम कुमार ने आईआईटी करने के बाद सिविल सेवा में जाने के बारे कहा था कि जब वे पढ़ाई के दौरान अमेरिका में रिसर्च कर रहे थे तो वहीं तय कर लिया था कि सिविल सर्विसेज में बैठना है। क्योंकि, वहां जाकर उन्होंने देखा कि इसके जरिए समाज के विकास में कितने अच्छे से योगदान दिया जा सकता है। लेकिन, कुछ समय नौकरी करने के बाद सिविल सर्विस करें या आईआईटी के तुरंत बाद तो उन्हें परिवार से सलाह मिली कि अगर करना है तो देर नहीं करनी चाहिए। उनके मुताबिक "भैया और पिता ने समझाया कि करना ही है तो जल्द ही करो। पढ़ाई के साथ जारी रखना आसान रहेगा। नौकरी करने के बाद दिक्कत होगी।" वे बोले कि "फिर बाद में मैंने सोचा कि यही करना है, क्योंकि बाद में पछतावा न हो कि शायद कर सकते थे। इसलिए कॉलेज खत्म होते ही तैयार शुरू कर दी।"
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी बधाई
शुभम अभी सिर्फ 24 साल के हैं और उनकी इस सफलता पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है। नीतीश ने लिखा है, "यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने पर बिहार के शुभम कुमार को बधाई एवं शुभकामनाएं। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना है। बिहार के विकास आयुक्त, आमिर सुबहानी जी ने भी पूर्व में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।" बता दें कि इस साल यूपीएससी ने 761 उम्मीदवारों को आईएएस,आईएफएस,आईपीएस समेत बाकी प्रशासनिक सेवाओं में नियुक्ति के लिए सरकार को सिफारिश की है। इनमें से 541 पुरुष और 216 महिलाएं हैं।