UPSC Result 2017: यूपीएससी के लिए छोड़ा विदेश में बिजनेस, तीसरी कोशिश में हासिल की 10वीं रैंक
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस परीक्षा 2017 का रिजल्ट शुक्रवार को घोषित किया। इस बार हैदराबाद के अनुदीप डुरीशेट्टी ने सिविस सर्विसेज की परीक्षा में टॉप किया है। वहीं हरियाणा की अनु कुमारी दूसरे और सचिन गुप्ता तीसरे स्थान पर हैं।
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस परीक्षा 2017 का रिजल्ट शुक्रवार को घोषित किया। इस बार हैदराबाद के अनुदीप डुरीशेट्टी ने सिविस सर्विसेज की परीक्षा में टॉप किया है। वहीं हरियाणा की अनु कुमारी दूसरे और सचिन गुप्ता तीसरे स्थान पर हैं। इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक में 10वां नंबर राजस्थान के अभिषेक सुराना ने हासिल किया है। 10वीं रैंक हासिल करने वाले अभिषेक सुराना ने दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है।
IIT से पढ़ाई और विदेश में की नौकरी
राजस्थान के भीलवाड़ा से आने वाले अभिषेक ने अपने तीसरे अटेंप्ट में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की है। 27 साल के अभिषेक आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार अभिषेक ने विदेश में रहते वक्त सिविल सर्विस की परीक्षा में बैठने का फैसला लिया। आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद अभिषेक सिंगापुर में बारक्लेस इंवेस्टमेंट बैंक के लिए काम करने लगे। उन्होंने इस बैंक के लिए लंदन में भी काम किया है।
तीसरे अटेंप्ट में आई ऑल इंडिया 10वीं रैंक
लंदन में काम करने के दौरान उन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर एक कंपनी खोली और चीले में काम करने लगे। चीले में काम करने के उन दो सालों में अभिषेक को एहसास हुआ कि वो वापस अपने घर लौटना चाहते हैं और देशवासियों के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसके बाद अभिषेक ने सिविल सर्विस के लिए तैयारी करना शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले साल 2015 में सिविल सर्विस की परीक्षा दी थी लेकिन इंटरव्यू राउंड के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए। इसके अगले साल उनकी 250वीं रैंक आई और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस ज्वाइन कर लिया।
तो इसलिए विदेश छोड़कर चुना देश
इसी साल अभिषेक इंडियन फॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा में भी बैठे थे और उनका पूरे भारत में दूसरा स्थान था। इसके बावजूद अभिषेक ने आईएएस को चुना और फिर 2017 में अपना तीसरा अटेंप्ट दिया। अभिषेक को क्या मालूम था कि तीसरे अटेंप्ट में उनकी ऑल इंडिया 10वीं रैंक आ जाएगी। अभिषेक का कहना है कि वो रिस्क लेना चाहते थे, इसलिए बिजनेस छोड़कर यूपीएससी चुना। अभिषेक के पिता भिलवाड़ा के ही सरकारी कॉलेज में फिजिक्स के लेक्चरर हैं।