UPSC का सुप्रीम कोर्ट में जवाब- अब परीक्षा को टालना संभव नहीं
नई दिल्ली: इस साल होने वाली सिविल सेवा परीक्षा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 24 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार और UPSC को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। जिस पर आज सुनवाई के दौरान UPSC ने कहा कि अब परीक्षा को टालना संभव नहीं है क्योंकि सभी लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं पहले से की जा चुकी हैं। न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ बुधवार को फिर से मामले पर सुनवाई करेगी।
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पहली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में आ गया है। इसके अलावा कई इलाकों में बाढ़ भी आई है। ऐसे में सिविल सेवा परीक्षा 2020 को दो से तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया जाए। ये परीक्षा अभी 4 अक्टूबर को होने वाली है, जिसके 20 परीक्षार्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनके मुताबिक ऐसे वक्त में परीक्षा करवाना एक बड़े खतरे से कम नहीं है।
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याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को तर्क देते हुए कहा कि ये एक भर्ती परीक्षा है, ऐसे में अगर इसको आगे बढ़ाया जाएगा तो किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। देश में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है, इसके बावजूद भी UPSC की ओर से परीक्षा केंद्रों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के कई छात्र ऐसे हैं, जिन्हें परीक्षा के लिए 300-400 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा। अगर वो सार्वजनिक साधनों का प्रयोग करेंगे तो भी संक्रमण का खतरा बना रहेगा। अब बुधवार को सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला ले सकता है।