'उपहार' हादसे को लेकर दायर याचिका SC ने खारिज की, पीड़िता ने बताया इसे काला दिन
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज 1977 के उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अंसल बंधुओं की कैद की सजा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों ने कोर्ट के फैसले को काला दिन करार दिया है। उपहार हादसे के पीड़ितों के लिए नीलम कृष्णमूर्ति ने एक संगठन बनाया था और वह लगातार इस मामले में इंसाफ की लड़ाई लड़ रही थीं। उन्होंने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के फैसले के बाद नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह इस फैसले बिखर गई हैं।
नीलम ने कहा कि अपने बच्चों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ते हुए माता-पिता के रूप में हम यह निश्चित तौर पर भारत में कह सकते हैं कि न्याय सिर्फ अमीर लोगों को मिलता है। बता दें कि नीलम कृष्णमूर्ति ने इस हादसे में अपने 17 साल की बेटी और 13 साल के बेटे को 13 जुलाई 1977 में खो दिया था। उन्होंने कहा कि हमने तकरीब एक चौथाई सदी तक इंसाफ का इंतजार किया, लेकिन उपहार के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला। बता दें कि दक्षिण दिल्ली में स्थित उपहार सिनेमा हॉल में सनी देओल की फिल्म बॉर्डर के शो के दौरान 13 जून 1997 को आग लग गई थी, इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमे 23 बच्चे भी शामिल थे। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 30-30 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि शाहीन बाग में एक बच्चे की मौत के बाद इस कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई की थी। उपहार हादसे में एक महीने के मासूम नवजात की भी मौत हो गई थी। इस हादसे में 23 बच्चों की मौत हुई थी, जिसमे एक महीने के बच्चे की भी मौत हुई थी। क्या उनके जान की कोई कीमत नहीं है।