महागठबंधन को बड़ा झटका, उपेंद्र कुशवाहा बोले- तेजस्वी के नेतृत्व में नीतीश से लड़ना संभव नहीं
पटना। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राज्य में राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है। राजद महागठबंधन के जरिए नीतीश कुमार और बीजेपी के गठबंधन को टक्कर देने की तैयारी कर रही है। लेकिन इसी बीच महागठबंधन की हिस्सा रही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए हैं। आरएलसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, सीएम नीतीश कुमार के सामने राजद जिस नेतृत्व (तेजस्वी) को सामने ला रहा है, उस मुकाबले में महागठबंधन कहीं नहीं टिकेगा।
महागठबंधन से RLSP बाहर निकलने की राह पर
गुरुवार को हुई रालोसपा की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, राजद के नेतृत्व के पीछे खड़े रहते हुए बदलाव लाना संभव नहीं है। सीट-साझा करना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन यह सीट बंटवारे के बारे में नहीं है, यह बिहार के बारे में है। लोग नेतृत्व चाहते हैं जो नीतीश कुमार के सामने खड़ा हो सके। उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि आज भी अगर राष्ट्रीय जनता दल अपने नेतृत्व को बदल दे तो उपेंद्र कुशवाहा अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझा लेंगे। कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर महागठबंधन का निर्माण हुआ था, आज वह अपने उद्देश्य से भटक चुका है।
तेजस्वी को बताया कमजोर
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि महागठबंधन में अभी जो परिस्थिति है, उस पर विचार करते हुए पार्टी ने मुझे अधिकृत किया है। मैं सोच समझकर बिहार की जनता और अपने कार्यकर्ताओं के हित का ख्याल करते हुए निर्णय लूंगा। कुशवाहा ने कहा कि आज लोग भले ही जो सोंचे-समझे लेकिन उनके मन में आज भी ये बात है कि अगर राजद यह तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा आज भी अपने लोगों को समझा लेगा, लेकिन अब शर्त यही है कि राष्ट्रीय जनता दल अपना नेतृत्व बदले।
राजद पर लगाए आरोप
बता दें कि आरएलएसपी की आज हुई इस बैठक में कार्यकर्ताओं द्वारा किसी भी निर्णय के लिए उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत कर दिया है। महागठबंधन में बने रहने को लेकर तमाम कोशिशों का उल्लेख करते हुए पार्टी ने कहा है कि राजद के व्यवहार के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि अब निर्णय लेने का समय आ गया है। यह स्पष्ट हो गया है कि उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तौर पर महागठबंधन छोडने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने तेजस्वी यादव को बेहद कमजोर नेता करार दिया है।
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