सांप के डसने के बाद घर वालों ने बहा दिया था नदी में, 40 साल बाद वापस लौटी
महिला की बेटियों ने बताया कि पहले उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हुआ कि उनकी मां जिंदा होकर लौट आई है लेकिन जब उन्होंने अपनी मां के शरीर पर बचपन का एक निशान देखा तो उन्हें विश्वास हो गया।
कानपुर। क्या ऐसा हो सकता है कि किसी इंसान की मौत हो जाए और वो अचानक 40 साल साल बाद आपके सामने खड़ा होकर कहे कि वो जिंदा है। यूपी के कानपुर में एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कानपुर साउथ में विधनू के इनायतपुर मझावन गांव में शुक्रवार को एक महिला अचानक अपने ससुराल लौट आई।
इस महिला की मौत 40 साल पहले सांप के डसने से हुई थी। उस समय महिला के शव को परिजनों ने गंगा नदी में बहा दिया था। महिला को देखकर पहले तो उनके परिजन और गांव के लोग चौंक गए और किसी को महिला पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन महिला ने जब जन्म का निशान दिखाते हुए पुरानी बातों का जिक्र किया तो सभी की आंखें फटी की फटी रह गईं। महिला की उम्र इस समय 80 साल है।
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इस महिला का नाम विलासा है, जो घाटमपुर के पतारा की रहने वाली है। विलासा की दो शादी हुईं थी। उनकी पहली शादी छिद्दू नाम के व्यक्ति से हुई थी, जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं। पारिवारिक कलह के चलते विलासा ने छिद्दू ने नाता तोड़कर एक दूसरे व्यक्ति कल्लू से शादी कर ली। कल्लू से उनके दो बेटे और दो बेटियां हुईं। हालांकि अब उनके दोनों ही पतियों की मौत हो चुकी है।
40 साल पहले काटा था कोबरा सांप ने
विलासा ने बताया कि करीब 40 साल पहले वह खेतों में जानवरों के लिए चारा लेने गई थी, जहां उसे एक काले रंग के कोबरा सांप ने डस लिया। इसके बाद उसे झाड़-फूंक के लिए दूसरे गांव ले जाया गया, लेकिन वो ठीक नहीं हो पाई। परिजनों ने उसे मरा हुआ जानकर गंगा नदी में बहा दिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि गांव में सांप के डसे व्यक्ति के शव को जलाने की बजाय नदी में बहाने की मान्यता थी। उसका शरीर गंगा में बहता हुआ कन्नौज जिले के बॉर्डर से सटे एक गांव में पहुंच गया, जहां रामशरण नाम के व्यक्ति ने उसे पुनर्जीवित किया।
इस तरह 40 साल बाद घर पहुंची महिला
विलासा की दो बेटियां राम कुमारी और मुन्नी अपनी मां को अचानक जिंदा देखकर चौंक गईं। उनकी बेटियों ने बताया कि जीवित होने के बाद उनकी मां की याद्दाश्त खो चुकी थी। कुछ ही दिन पहले अचानक उनकी याद्दाश्त लौटी और उन्हें सब कुछ याद आ गया। विलासा ने एक लड़की को इस घटना और अपने बारे में बताया और उस लड़की ने अपने चाचा से सारी बातें बताईं। इसके बाद उस लड़की के चाचा ने चेतराम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने बताया कि वह विलासा को गंगा में बहाते समय वहां मौजूद था।
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रामकुमारी ने बताया कि इसके बाद चेतराम ने उनसे संपर्क किया और सारी घटना के बारे में बताया। उनकी बेटियों को पहले चेतराम की बातों पर यकीन नहीं हुआ लेकिन जब उन्होंने अपनी मां के शरीर पर बचपन का एक निशान देखा तो उन्हें पूरे घटनाक्रम पर विश्वास हो गया। अपनी मां को पाकर जहां उनकी दोनों बेटियां खुश हैं, वहीं गांव में हर ओर सिर्फ विलासा के लौटने की ही चर्चा है।