विवेक तिवारी मर्डर केस के बीच आपको भावुक कर देंगी इस 'पुलिसवाली' की तस्वीरें
बिना साप्ताहिक छुट्टी और लगभग हर त्यौहार को 'अपनों' से दूर रहकर ड्यूटी करते हुए मनाने वाले यूपी पुलिस के कर्मचारियों को लेकर कई ऐसी खबरें भी हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी।
नई दिल्ली। लखनऊ के विवेक तिवारी मर्डर केस के बाद भले ही यूपी पुलिस को लेकर आपका नजरिया बदल गया हो लेकिन यकीन मानिए पुलिस विभाग में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो फर्ज के सामने अपने परिवार और बच्चों तक को भूल जाते हैं। बिना साप्ताहिक छुट्टी और लगभग हर त्यौहार को 'अपनों' से दूर रहकर ड्यूटी करते हुए मनाने वाले यूपी पुलिस के कर्मचारियों को लेकर कई ऐसी खबरें भी हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी। ताजा मामला यूपी के झांसी जिले का है, जहां कोतवाली थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल की 'मां और पुलिस' दोनों का फर्ज निभाते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जानिए इन तस्वीरों का सच।
झांसी के कोतवाली थाने में तैनात कांस्टेबल अर्चना
महिला कांस्टेबल की इन तस्वीरों को आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। तस्वीरों में नजर आ रहा है कि महिला कांस्टेबल, जिनका नाम अर्चना है, कोतवाली में जहां अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही है तो वहीं उन्होंने डेस्क पर अपने बच्चे को लिटाया हुआ है। बच्चे के बराबर में ही उसकी दूध की बोतल रखी है। बच्चा गहरी नींद में सोया हुआ है और महिला कांस्टेबल अर्चना रजिस्टर लेकर अपना काम निपटा रही हैं। सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। लोग महिला कांस्टेबल के जज्बे की तारीफ भी कर रहे हैं।
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'फर्ज मां का भी और खाकी का भी'
वहीं, आईपीएस नवनीत सिकेरा ने महिला कांस्टेबल की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है, 'फर्ज मां का भी और खाकी का भी। मां अपने फर्ज को किस प्रकार निभा रही है देखें। झांसी के कोतवाली थाने में तैनात महिला आरक्षी अर्चना, जो अपनी वर्दी का फर्ज भी पूरी तरह से निभा रही हैं और मां का भी। पुलिस विभाग एक ऐसा विभाग है, जहां त्यौहार हो या कोई भी खुशियों का दिन, पुलिस जनता की खुशियों को मनाने के लिए उनकी सुरक्षा में तैनात रहकर अपनी खुशियों का गला घोंटती है। उसी प्रकार महिला आरक्षी अर्चना को अपने नन्हे मुन्ने बच्चे की परवरिश व देखभाल भी करनी है और वर्दी का फर्ज भी अदा करना है। साभार: मुकेश वर्मा की वॉल से।' आईपीएस नवनीत सिकेरा की शेयर की गई इस पोस्ट पर अभी तक 600 कमेंट कर चुके हैं।
'स्ट्रेचर नहीं तो मेरे कंधे ही सही...'
आपको बता दें कि हाल ही में मथुरा में भी एक ऐसा मामला सामने आया था, जहां एक एसओ ने स्ट्रेचर ना होने पर सहार देकर गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया था। एसओ की तस्वीरें शेयर करते हुए आईपीएस नवनीत सिकेरा ने लिखा था, 'स्ट्रेचर नहीं तो मेरे कंधे ही सही...। एसओ हाथरस सिटी सोनू कुमार न्यायालय मथुरा आ रहे थे। ट्रेन से मथुरा जंक्शन पर जैसे ही उतरे, तभी एक प्रसव पीड़ित महिला पर नजर पड़ी। एसओ ने उसे उठाया और गाड़ी से जिला अस्पताल ले भागे, वहां से रेफर किया तो महिला चिकित्सालय ले गए, जहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया और अब दोनों स्वस्थ हैं।'
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उत्तराखंड पुलिस का बहादुर जवान कुम्पाल तोमर
इससे पहले पिछले साल ही जुलाई के महीने में उत्तराखंड पुलिस के जवान कुम्पाल सिंह तोमर की बहादुरी की कहानी भी सामने आई थी। एसएसपी कार्यालय रोशनाबाद (हरिद्वार, उत्तराखंड) में उस वक्त तैनात कुम्पाल तोमर अपनी ड्यूटी खत्म करके बाइक से कोतवाली गंगनगर लौट रहे थे। इसी दौरान रुड़की की गंगनहर में बीच धारा में एक बच्चा डूब रहा था। कुम्पाल तोमर ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए नदी में छलांग लगाई और बच्चे को सकुशल बचा लिया। इस बहादुर पुलिसवाले की कहानी को भी नवनीत सिकेरा ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था।