11 साल के मासूम के सामने यूपी पुलिस ने पिता को जानवरों की तरह पीटा, मौत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस का एक बार फिर से बर्बर चेहरा सामने आया है। यहां पुलिस कस्टडी में युवक की बर्बर तरीके से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यूपी के पिलखुआ में रविवार शाम को प्रदीप तोमर (35) ने अपनी पत्नी रजनी से कहा कि उनके भाई की गाड़ी पंचर हो गई है, लिहाजा वह भाई की मदद करके जल्दी ही वापस आ जाएंगे। वह अपने साथ 11 साल के बेटे को भी ले गए, लेकिन वापस कभी नहीं आए। दरअसल पुलिस ने प्रदीप को एक हत्या के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
मासूम
बेटे
के
मुंह
में
डाली
रिवॉल्वर
प्रदीप
के
11
साल
के
बेटे
ने
बताया
कि
कई
पुलिसवालों
ने
मेरे
पिता
को
पीटा,
उन्हें
लात-घूसों,
डंडों
से
मारा
गया,
बिजली
का
शॉक
दिया
गया,
शरीर
में
पेंचकस
से
चुभाया
गया।
तोमर
का
विक्षिप्त
शव
सामने
आया
,जिसमे
देखा
जा
सकता
है
कि
उनके
शरीर
पर
चोट
के
कई
निशान
हैं।
बेटे
ने
बताया
कि
पुलिसवालों
ने
मुझे
भी
तमाचा
मारा
और
मेरे
मुंह
में
रिवाल्वर
डाल
दी।
पुलिसवालों
ने
मुझे
धमकी
दी
कि
मैं
किसी
को
भी
इस
बारे
में
कुछ
नहीं
कहूं।
वहीं
इस
घटना
के
सामने
आने
के
बादद
तीन
पुलिसवालों
को
सस्पेंड
कर
दिया
गया
है।
एसएचओ
पिखुआ
को
भी
इस
मामले
में
सस्पेंड
कर
दिया
गया
है।
पैरों
पर
गिरकर
दया
की
भीख
मांगते
रहे
पिता
मासूम
बेटे
ने
बताया
कि
मेरे
पिता
को
पहले
पुलिसवालों
ने
गाली
दी
और
फिर
उन्हें
पीटना
शुरू
कर
दिया।
मेरे
पिता
पुलिसवालों
से
उन्हें
नहीं
पीटने
की
अपील
करते
रहे,
वह
पूछ
रहे
थे
कि
मैंने
क्या
गलत
किया,
लेकिन
पुलिसवाले
नहीं
रुके।
पुलिसवाले
नशे
में
धुत
थे,
मेरे
पिता
पुलिसवालों
के
पैरों
पर
गिर
कर
उन्हें
जाने
देने
के
लिए
कह
रहे
थे,
लेकिन
पुलिसवालों
ने
उन्हें
पीटना
जारी
रखा,
पिटाई
की
वजह
से
पिता
ने
वहां
लैटरीन,
पेशाब
कर
दिया।
जब
उन्हें
अस्पताल
ले
जाया
गया
तो
वहां
उनका
इलाज
नहीं
किया
गया,
उन्हें
एक
कमरे
में
बंद
कर
दिया
गया
था।
सजा
मिलेगी
इस
मामले
में
मेरठ
जोन
के
आईजी
आलोक
सिंह
ने
आदेश
दिया
है
कि
जो
लोग
पुलिस
की
हिरासत
में
हैं
उन्हें
सुरक्षा
मुहैया
कराई
जाए,
जिससे
कि
पुलिस
की
छवि
धूमिल
नहीं
हो।
सिंह
ने
कहा
कि
पुलिस
हिरासत
में
किसी
की
भी
मौत
मानवाधिकारों
का
उल्लंघन
है
और
इसकी
पूरी
जिम्मेदारी
पुलिस
की
है।
पुलिस
कस्टडी
में
आरोपी
के
साथ
मारपीट
गैरकानूनी
है,
यह
अमानवीय
है,
पुलिस
को
ऐसा
करने
से
खुद
को
रोकना
होगा।
इस
घटना
में
जो
भी
पुलिसवाले
लिप्त
हैं
उन्हें
इसकी
सजा
मिलेगी।
पत्नी
ने
की
इंसाफ
की
मांग
तोमर
की
पत्नी
ने
बताया
कि
वह
पुलिस
की
कार्रवाई
से
संतुष्ट
नहीं
हैं।
जिन
लोगों
ने
मेरे
पति
के
साथ
यह
किया
है,
उनके
खिलाफ
हत्या
का
मामला
दर्ज
होना
चाहिए,
उन्हें
भी
पीटना
चाहिए।
घर
में
कमाने
वाले
वह
एकलौते
व्यक्ति
थे।
अब
हमारा
क्या
होगा,
मुझे
नौकरी
दी
जाए,
मेरे
बच्चे
को
भी
नौकरी
दी
जाए,
जब
वह
बड़ा
हो
जाए।
तोमर
के
रिश्तेदारों
ने
मेरठ
के
कमिश्नर
ऑफिस
के
सामने
प्रदर्शन
किया,
लेकिन
किसी
ने
इन
लोगों
से
मुलाकात
नहीं
की।
हत्या
के
मामले
में
आरोपी
हापुड़
के
एसपी
यशवीर
सिंह
ने
बताया
कि
तोमर
को
हत्या
के
मामले
में
पूछताछ
के
लिए
बुलाया
गया
था।
प्रीति
नाम
की
महिला
की
अगस्त
माह
में
हत्या
कर
दी
गई
थी,
लेकिन
उस
वक्त
उनकी
पहचान
नहीं
हो
सकी
थी।
महिला
की
पहचान
होने
के
बाद
हमे
जानकारी
मिली
की
महिला
के
पति
दिबगंबर
ने
अपने
रिश्तेदारों
से
साथ
मिलकर
उसकी
हत्या
की
है।
दो
लोगों
को
1.5
लाआख
रुपए
दिए
गए
थे
इस
काम
के
लिए।
जिसमे
प्रदीप
भी
कथित
रूप
से
शामिल
था।
प्रदीप
ही
इन
लोगों
को
पैसा
देने
वाला
था
प्रदीप
की
शादी
दिगंबर
की
बहन
से
हुई
थी।
कार्रवाई
की
जाएगी
रविवार
को
प्रदीप
को
पूछताछ
के
लिए
बुलाया
गया
था।
लेकिन
कुछ
घंटों
के
बाद
उनकी
तबियत
बिगड़
गई,
जिसके
बाद
उन्हें
स्थानीय
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया,
जहां
उनकी
मौत
हो
गई।
तीन
पुलिसवालों
को
इस
मामले
में
सस्पेंड
कर
दिया
गया
है,
अगर
ये
पाया
जाता
है
कि
इन
लोगों
ने
प्रदीप
के
साथ
मारपीट
की
है
तो
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
सात
दिन
में
विभागीय
जांच
की
रिपोर्ट
आ
जाएगी,
साथ
ही
एक
या
दो
दिन
में
पोस्टमार्टम
रिपोर्ट
भी
आ
जाएगी।