क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

UP के अस्पताल में मुस्लिमों के इलाज न करने वाले विज्ञापन पर बोले ओवैसी, मुसलमानों की जिंदगी.....

Google Oneindia News

नई दिल्ली- यूपी के मेरठ में एक अस्पताल ने मुसलमानों से इलाज से पहले कोरोना टेस्ट कराकर आने वाले विज्ञापन पर भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस मामले को आसानी से शांत नहीं होने देना चाहते। उन्होंने यूपी के एक अस्पताल की घटना से भी सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमले का मौका ढूंढ़ लिया है। उन्होंने कहा है पीएम मोदी की ओर इशारों में कहा है कि उनके चाहने वाले मुसलमानों को टारगेट करके उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करना चाहते हैं। बता दें कि वह अस्पताल दूसरे विज्ञापन में माफी भी मांग चुका है।

Recommended Video

Coronavirus : मुसलमानों का इलाज नहीं करने के advetisement पर भड़के Owaisi | वनइंडिया हिंदी
अस्पताल ने धर्मों के बारे में दिया था विवादित विज्ञापन

अस्पताल ने धर्मों के बारे में दिया था विवादित विज्ञापन

इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने जो हमलावर रुख अख्तियार किया है, उसमें जाने से पहले इस मामले के बारे में थोड़ा गौर फरमा लेने की जरूरत है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अस्पताल ने पिछले 17 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपने अखबार में एक इश्तेहार दिया था। इश्तेहार में यह कहा गया था कि अगर कोई मुसलमान उपचार के लिए अस्पताल आना चाहता है तो उससे पहले उसे अपना और अपने साथ आने वाले तीमारदार का कोविड-19 टेस्ट करवाकर आना चाहिए और जब वे कोरोना निगेटिव होंगे तभी उनका उस अस्पताल में इलाज किया जाएगा। इस इश्तेहार में हिंदुओं और जैन समुदाय को भी टारगेट करते हुए उन्हें कंजूस बताया गया था। बाद में मेरठ के इंचौली थाना इंचार्ज ने उस अस्पताल के संचालकर अमित जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

बाद में अस्पताल ने माफीनामा भी छाप दिया

बाद में अस्पताल ने माफीनामा भी छाप दिया

सिर्फ पुलिस ने ही नहीं मेरठ के सीएमओ ने भी अस्पताल के विज्ञापन को गलत ठहराया और आगे की कार्रवाई के लिए अस्पताल के खिलाफ नोटिस भेजने की बात कही थी। जब मेरठ का वह वैलेंटिस कैंसर अस्पताल चौतरफा घिर गया तो उसने यह कहकर क्षमा मांग ली कि अगर किसी की भावना आहत हुई है तो हम क्षमा चाहता है। जब विवाद और बढ़ा तो अस्पताल ने अपने अखबार में विस्तार से सफाई दी। उस सफाई में अस्पताल की ओर से कहा गया 'हमारी नीति इस वैश्विक आपदा में सभी धर्मों (मुस्लिम, हिंदू, जैन, सिख, ईसाई) के लोगों के साथ मिल-जुलकर लड़ने का आग्रह करने की रही। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की हमारी मंशा कभी नहीं रही है। अगर हिंदू/मुस्लिम/जैन/सिख/ईसाई समाज में किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो भी हम दिल से खेद प्रकट करते हैं।'

ओवैसी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

गौरतलब है कि अस्पताल ने 17 अप्रैल को अपना पहला विवादित विज्ञापन दिया और 18 अप्रैल के दूसरे विज्ञापन में सभी धर्मों से माफी मांग ली। लेकिन, उसके एक दिन बाद ओवैसी ने ट्वीट करके इस मामले को फिर से तूल देने की कोशिश की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'जब अस्पताल अपनी नीति के प्रचार को लेकर इतना आस्वस्त है तो फिर 'जांच' किस बात की हो रही है? उसे अभी भी लोगों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत कैसे दी जा रही है। प्रधानमंत्री का दफ्तर कहता है, 'कोविड-19 किसी धर्म को नहीं देखता, जबकि इसके वैचारिक 'प्रशंसकों' ने मुस्लिम नागरिकों को खलनायक बना दिया है और उनकी जान को खतरे में डाल दिया है।' दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। कई मामलों में इस हमले का आरोप दिल्ली के मरकज से निकले तबलीगी जमात के लोगों पर लगा है। यही वजह है कि ओवैसी आरोप लगा रहे हैं कि मुसलमानों को खलनायक बनाने की कोशिश हो रही है।

इसे भी पढ़ें- पालघर में संतों की मॉब लिंचिंग, जानिए पूरा घटनाक्रम, कब क्यों और कैसे हुआ?इसे भी पढ़ें- पालघर में संतों की मॉब लिंचिंग, जानिए पूरा घटनाक्रम, कब क्यों और कैसे हुआ?

Comments
English summary
UP-Owaisi, on the treatment of Muslims not being treated in the hospital,said the lives of Muslims
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X