#UPByPolls: गोरखपुर और फूलपुर में कैसे हारी बीजेपी, जानिए चुनावी नतीजों का पूरा UPDATES
दोनों लोकसभा सीटों पर सपा की जीत के बाद अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं आज कह सकता हूं कि जो परिणाम आया है, गिनती हजारों की दिख रही है लेकिन दोनों लोकसभा की लाखों जनता ने वोट देकर समाजवादी पार्टी को जिताया है'
नई दिल्ली। यूपी की दो लोकसभा सीटों पर बीजेपी की हार सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ा झटका है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने बीजेपी को हराया दिया है। फूलपुर में सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल ने बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल को 59613 वोटों से हराया। फूलपुर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट थी। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर पर भी सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र पटेल को हराया है। यूपी में विपक्षी एकता की इस जीत को 2019 के ट्रेलर के तौर पर देखा जा रहा है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि अच्छे दिन तो आए नहीं लेकिन जनता बीजेपी के बुरे दिन लाने के लिए इकट्ठी हो गई है।
सीएम-डिप्टी सीएम की सीट का ये हाल तो पूरे देश में क्या होगा?
दोनों लोकसभा सीटों पर सपा की जीत के बाद अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं आज कह सकता हूं कि जो परिणाम आया है, गिनती हजारों की दिख रही है लेकिन दोनों लोकसभा की लाखों जनता ने वोट देकर समाजवादी पार्टी को जिताया है। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव से राजनीतिक संदेश हमेशा निकलते हैं। एक सीट जिससे मुख्यमंत्री आए हों और दूसरे डिप्टी सीएम की सीट पर अगर जनता की इतनी नाराजगी है तो सोचिए पूरे देश में चुनाव होगा तो क्या हाल होगा।' वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने कारोबार छीन लिए, बीजेपी ने कानून की जो धज्जियां उड़ाईं जनता ने उसी का जवाब दिया है।
'अति आत्मविश्वास के चलते हार हुई'
विपक्षी सपा-बसपा की जीत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि बीएसपी-एसपी में राजनीतिक सौदेबाजी देश के विकास को बाधित करने के लिए बनी है। इसके बारे में हम अपनी रणनीति तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जनता का फैसला है, लोकतंत्र में जनता जनार्दन के रूप में हैं। इस फैसले को हम स्वीकार करते हैं। मैं गोरखपुर व फूलपुर से विजयी प्रत्याशियों को बधाई देता हूं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अति आत्मविश्वास के चलते हार हुई, इसकी समीक्षा करेंगे। यूपी बीजेपी चीफ ने भी हार की समीक्षा की बात कही है। गोरखपुर और फूलपुर उप-चुनाव के लिये मतदान गत 11 मार्च को हुआ था। इस दौरान गोरखपुर में 47.75 प्रतिशत और फूलपुर में 37.39 फीसद वोट पड़े थे।
निषाद वोट रहे निर्णायक
गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में निषाद समुदाय के सबसे ज्यादा वोटर्स हैं। यहां करीब 3.6 लाख निषाद वोटर्स हैं। एसपी ने इसीलिए यहां से प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा था और इसका उसे जबरदस्त फायदा मिला। 2014 में भी एसपी ने यहां से निषाद उम्मीदवार राजमति को उतारा था लेकिन उस वक्त सामने योगी आदित्यनाथ थे जो अपनी हिंदुत्व की छवि की बदौलत निषाद वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंध लगाई थी। इस बार एसपी को न सिर्फ बीएसपी का साथ मिला, बल्कि निषाद पार्टी और पीस पार्टी जैसे छोटे दलों ने ने भी उसे समर्थन दिया था। निषाद वोट एकतरफा समाजवादी पार्टी की झोली में आए लगते हैं। इसके अलावा यहां यादव और दलित वोटर्स मिलाकर करीब 2 लाख हैं। सीधी लड़ाई में एसपी को यादव, दलित, मुस्लिम और निषाद वोटों का भरपूर साथ मिला जो बीजेपी पर भारी पड़ता दिख रहा है। बता दें कि गोरखपुर में करीब 1.5 लाख ब्राह्मण वोटर्स भी हैं। वहीं फूलपुर में पटेल फैक्टर ने काम किया है।
सपा-बसपा की दुश्मनी खत्म?
उत्तर प्रदेश की फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार और सपा को जीत मिली है। इस जीत के साथ 23 साल पुरानी सपा-बसपा की दुश्मनी भी पूरी तरह से दफन होती नजर आई। इसका नजारा सूबे की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला। बीएसपी सुप्रीमो मायावती को सामने देखकर यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने झुककर उनका अभिवादन किया। मायावती ने भी मुस्कुरा कर उनके अभिवादन का जवाब दिया।
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