UP gram panchayat election 2021: परिसीमन में घट गए प्रधान, अभी आरक्षण सूची का करना होगा इंतजार
लखनऊ। up gram panchayat election 2021, उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने जहां परिसीमन सूची(up gram panchayat parisiman suchi) जारी कर दी है, तो वहीं लोगों को अब नई आरक्षण सूची(aarakshan list) के जारी होने का इंतजार है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार ने बताया कि आरक्षण नीति तैयार कर ली गई है, लेकिन अभी इस पर शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। आरक्षण नीति का शासनादेश जारी होने में थोड़ा समय लग सकता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि आरक्षण नीति फरवरी के मध्य तक जारी किया जाएगा।
कयास लगाए जा रहे हैं कि इस आरक्षण सूची में ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण लागू किया जा सकता है। इसके अलावा बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है। पंचायतीराज विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 75 जिलों में परिसीमन की सूची जारी हो गई है। पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के बीच निराशा का माहौल बन गया है।
पंचायती चुनाव के लिए जारी की गई परिसीमन सूची में वॉर्डों की संख्या घटा दी गई है। सूची में क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या कम करने के साथ ग्राम पंचायत वॉर्डों की संख्या में भी कटौती की गई है। उत्तर प्रदेश में इस बार 75 जिला पंचायत, 826 क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक), 58,194 ग्राम पंचायत, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। इस तरह कुल 8,69,814 जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे।
परिसीमन के बाद वर्ष 2015 में 3120 वॉर्ड, 59,074 ग्राम पंचायत प्रधान, 7,44,558 ग्राम पंचायत वॉर्ड थे। ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या 12,745 कम की गई है। इसी तरह 77,801 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में कटौती करते हुए 75,805 की गई है। 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। वहीं 3 जिलों में तीन जिलों में वर्ष 2015 की तुलना में अधिक जिला पंचायत सदस्य चुने जाने की बात सामने आ रही है। इसमें गोंडा में 51 की जगह 65, मुरादाबाद में 34 की जगह 39 और संभल में 27 की जगह 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे।
बाकी बचे हुए जिलों में प्रधानों, पंचायत सदस्यों की संख्या को कम किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों से जमा कराई जाने वाली जमानत राशि और चुनावी खर्च की सीमा को न बढ़ाने का फैसला लिया है। आयोग के अनुसार, इस बार भी चुनाव खर्च की सीमा पिछले पंचायत चुनाव के बराबर होगी।
किसान
आंदोलन:
अखिलेश
का
ऐलान-
26
जनवरी
को
तिरंगा
लगाकर
निकालेंगे
ट्रैक्टर
रैली