यूपी सरकार ने कहा- विकास दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ के बारे में वो SC में दाखिल करेगी स्टेटस रिपोर्ट
यूपी सरकार ने कहा- विकास दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ के बारे में SC में दाखिल करेगी स्टेटस रिपोर्ट
नई दिल्ली। कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे को एसटीएफ ने कानपुर के सचेंडी थाना इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार कर ढ़ेर कर दिया था। इतना ही नहीं विकास दुबे के कई साथी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत की जांच की मांग संबंधी कई याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह गैंगस्टर विकास दुबे, उसके सहयोगियों के साथ हुई मुठभेड़ों के बारे में उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी।
Recommended Video
बता दें विकास दुबे के एनकांटर के एक घंटे पहले भी एक याचिका दाखिल की गई थी। मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने ई-मेल के माध्यम से 11 जुलाई की सुबह ये याचिका भेजी थी। याचिका में सर्वोच्च न्यायालय को ऐसा दिशानिर्देश पारित करने की अपील की थी। ताकि मध्य प्रदेश में 10 जुलाई की सुबह गिरफ्तार किए गए दुबे को पुलिस फर्जी मुठभेड़ में न मार सके। बता दें सु्प्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता में तीन जजों की गठित बेंच ये निर्धारित करेगी कि सीबीआई द्वारा दुबे के पांच सहयोगियों की कथित मुठभेड़ में हत्या की जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय करे।
गौरतलब है कि विकास दुबे के मारे जाने से पहले याचिका दायर करने वाले वकील घनश्याम उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस से गैंगस्टर की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश मांगा था। इसके बाद एडवोकट अनूप प्रकाश अवस्थी ने उत्तर प्रदेश में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में पुलिस-अपराधी-राजनेता की साठगांठ की सीबीआई या एनआईए द्वारा जांच की अदालत से निगरानी की मांग संबंधी याचिका दाखिल की गई।
बता दें 3 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को दबिश देने गई टीम में शामिल डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की विकास दुबे और उसने साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर मौत के घाट उतार दिया था। हमलावरों ने 3 जुलाई की आधी रात को विकास दुबे के घर की छत से गोलियां बरसा कर इन 8 पुलिसकर्मियों को मार दिया था। जिसके बाद विकास दुबे फरार हो गया था। 10 जुलाई की सुबह बड़े ही फिल्मी अंदाज में मध्यप्रदेश उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर में उसे गिरफ्तार किया गया। लेकिन पुलिस जब उसे कानपुर ले जा रही थी तो पुलिस की गाड़ी दुर्घनाग्रस्त हो गई जिसके बाद पुलिस वालों के अनुसार विकास दुबे पुलिस वाले की बंदूक लेकर भागने लगा पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलाई जिसमें उसकी मौत हो गई। दुबे की मुठभेड़ से पहले, उसके पांच साथी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए।
कोरोना के कारण बेरोजगार हुए मुंबई के डब्बावालों की मदद के लिए आगे आए संजय दत्त, सुनील शेट्टी