यूपी सरकार ने खुले ट्रक में शवों के साथ घायलों को भेजा तो बोले झारखंड के सीएम- इस अमानवीयता से बचा जा सकता था
यूपी से खुले ट्रक में शवों के साथ घायलों को भेजने पर झारखंड सीएम ने कही ये बात
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के औरेया में 16 मई को एक हादसे में 26 मजदूरों की मौत हो गई थी, ये लोग पैदल अपने घरों को लौट रहे थे। इनमें झारखंड के 11 लोग शामिल थे। हादसे के बाद की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें देखा गया था कि एक खुले ट्रक में इन मजदूरों की लाशें रखकर उसी में घायल मजदूरों को भी बैठा दिया गया था। इस पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने नाखुशी का इजहार करते हुए कहा है कि इस अमानवीयता से बचा जा सकता था।
खुले ट्रक में शवों के साथ घायलों को ले जाने की तस्वीरों पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके कहा, हमारे प्रवासी श्रमिकों के इस अमानवीय व्यवहार से संभवतः बचा जा सकता था। यह स्थिति अमानवीय व अत्यंत संवेदनहीन है। सोरेन ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि कि शवों को सम्मान के साथ झारखंड बॉर्डर तक भेज दिया जाए। इसके बाद की व्यवस्था उनकी सरकार कर लेगी।
सोरेन ने बोकारो के जिलाधिकारी और झारखंड पुलिस को निर्देश दिया कि राज्य की सीमा में प्रवेश करते ही घायलों का उचित इलाज और मृतकों के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ घर पहुंचाया जाए। साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश के औरैया में दिवंगत हुए सभी 11 झारखंडी साथियों के परिवार को चार-चार लाख रुपये एवं प्रति घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपये की सहायता तत्काल प्रदान की जाएगी। सोरेन ने यह भी कहा है कि घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था भी जिला प्रशासन करेगी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा- औरैया, यूपी की भीषण दुर्घटना में मारे गए मजदूरों व घायलों को इकट्ठा ट्रक में भरकर उनके घर भेजने की हृदयहीनता पर उभरा जन आक्रोश उचित ही है। इससे साबित होता है कि सीएम के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। इतना ही नहीं बल्कि देश में अभी भी हर जगह लाखों गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों की बर्बादी, बदहाली व भूख-प्यास आदि के दृश्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं।
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