CAA प्रोटेस्ट: 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस, करनी होगी नुकसान की भरपाई
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भारपाई के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन लगातार लोगों को नोटिस भेज रहा है। रामपुर, गोरखपुर, लखनऊ और मेरठ समेत कई जिलों में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में संलिप्त पाए गए 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इन लोगों को अपनी स्थिति समझाने या सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए भुगतान करने को कहा है। मेरठ प्रशासन की ओर से विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए 517 शस्त्र लाइसेंस धारकों को नोटिस भेज दिया है। वहीं जिला प्रशासन ने 148 लोगों के नाम एफआईआर दर्ज किया गया है।
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जानकारी के मुताबिक, अब तक संभल में 26, रामपुर में 28, गोरखपुर में 33, बिजनौर में 43, मेरठ में 141 और लखनऊ में 100 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि उन लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जो घर छोड़कर फरार हैं या जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
मेरठ के डीएम अनिल धींगरा ने बताया कि 517 शस्त्र लाइसेंस धारकों को नोटिस जारी किए गए हैं। मेरठ प्रशासन ने लगभग 417 लोगों के शस्त्र लाइसेंस पर जांच बैठा दी है। इसमें से 300 लाइसेंस के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई है। 117 उन लोगों को नोटिस दिया गया है जिनके पास लाइसेंस थे। इनसे पूछा जा रहा है कि बवाल के समय वो कहां थे। रामपुर के डीएम आंजनेय सिंह ने कहा कि जो लोग 21 दिसंबर को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे, उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज करके उनके नाम पुलिस को भेजी गई है। क्षति का आकलन किया गया है और 28 चिन्हित अभियुक्तों को नोटिस जारी किया गया है। आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं प्रदर्शन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 148 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि 517 में से 400 लाइसेंस ऐसे हैं जिनका नवीनीकरण किया जाना है लेकिन फिलहाल यह प्रक्रिया रोक दी गई है। सूत्रों के मुताबिक हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों के सरकार लाइसेंस भी निरस्त कर सकती है। इसके आलावा रामपुर में प्रशासन ने लगभग दो दर्जन लोगों को नोटिस भेजा है और इन्हें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में 14 लाख रुपये भुगतान करने को कहा है।
वहीं दूसरी ओर एसपी संभल यमुना प्रसाद ने कहा कि प्रदर्शन में शामिल 55 लोगों पहचान कर ली गई है। वहीं 150 लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं। अब तक इस मामले में 48 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसात्मक और आपत्तिजनक मैसेज और वीडियो भेजने के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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