यूपी डीजीपी बोले- बुलंदशहर हिंसा कानून व्यवस्था का मसला नहीं, इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा एक बड़ी साजिश का नतीजा है। इसे सिर्फ कानून व्यवस्था का मसला नहीं कहा जा सकता है। आखिर गौमांस और गाय के अवशेष वहां कैसे पहुंचे, कौन उन्हें वहां लाया और किन परिस्थितियों में लाया, ये सब जांच का विषय है। सिंह ने कहा है कि जांच में हमें यह पता चला है कि इसमें कोई साजिश की बात है, जिसे कुछ लोगों ने रची थी।
3 दिंसबर को ही क्यों हुआ ये सब
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, है कि आखिर यह घटना 3 दिसंबर को ही हुई। यह बात क्यों कही जा रही है कि गोकशी की घटना हुई थी। गायों को काटा गया, उनके मांस को वहां लाया गया। किसी बाहुल्य क्षेत्र में रखा गया। इन सब चीजों पर हम विचार करेंगे। हमने जांच टीम से यह कहा है सबसे पहले वे हमें इस षड्यंत्र का पता लगाकर बताएं। अगर हम कानून-व्यवस्था कहकर इसे खत्म कर देते हैं तो इस घटना के तह तक नहीं जा पाएंगे।
आज आएगी एसआईटी की रिपोर्ट
बुलंदशहर के स्याना में सोमवार हो गोकशी को लेकर हिन्दूवादी संगठनों के हंगामे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में एसआईटी बुधवार शाम तक अपनी रिपोर्ट देगी। एसआईटी की जांच रिपोर्ट आज रात तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जानी है। स्याना के चिंगरावठी इलाके में सोमवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में आगजनी और तोड़फोड़ की थी।
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सोमवार को हुआ था भारी बवाल
बता दें कि बुलंदशहर के स्याना इलाके में सोमवार को खबर आई कि जंगलों में गोकशी की गई है। इस खबर के फैलते ही बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग जमा हो गए और सड़क पर जाम लगा दिया। गुस्साई भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ करने के अलावा पुलिस पर भी पथराव किया। इस बवाल में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई। मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार रात वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कानून-व्यवस्था संबंधी निर्देश दिए। तनाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर बुलंदशहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।