यूपी के लिए भेजी गई बसों की लिस्ट में बाइक और ऑटो के भी नंबर, योगी सरकार में मंत्री का आरोप
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए परेशान हैं, वह सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें घर पहुंचाने के लिए बस और ट्रेन की सुविधाएं मुहैया कराए। इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन बसों को चलाने की अनुमति दे दी है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि 500 बसें गौतम बुद्ध नगर के डीएम को एक्सपो मार्ट पर 12 बजे तक उपलब्ध कराएं। लेकिन अब इस बसों की लिस्ट में फर्जीवाड़े की खबर सामने आई है। यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि लिस्ट में थ्री व्हीलर, दो पहिया वाहनों के नंबर हैं।
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बाइक, कार, तीन पहिया के नंबर लिस्ट में
दरअसल प्रियंका गांधी की ओर से बसों की जो लिस्ट जारी की गई है, उसमे तमाम बसों के रिजस्ट्रेशन नंबर साझा किए गए हैं। इन बसों के नंबर की पड़ताल की जिम्मेदारी लखनऊ प्रशासन को दी गई क्योंकि पहले इन सभी बसों को लखनऊ में ही पहुंचाने के लिए कहा गया था। लेकिन जब इन बसों के नंबर की जांच की गई तो इसमे यह बात सामने आई कि इस लिस्ट में दो पहिया गाड़ियों, तीन पहिया गाड़ियों और कारों का नंबर है। यहां तक कि गाड़ियों के मालिकों की भी गलत जानकारी दी गई है। लिस्ट में इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद यूपी सरकार प्रियंका गांधी और कांग्रेस पर हमलावर है।
प्रियंका पर फर्जीवाड़े का आरोप
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी प्रवासी मजदूरों के नाम पर राजनीति कर रही हैं। पहले राजस्थान और पंजाब से प्रवासी मजदूरों को यहां भेजा गया, उन्हें बस की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई और अब इनकी मदद के नाम पर राजनीति की जा रही है। हमने इन बसों की जानकारी, ड्राइवर का कोरोना टेस्ट रिजल्ट आदि की जानकारी मांगी थी, इसमे कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने बस की लिस्ट की शुरुआती जांच की है जिसमे पाया गया है कि लिस्ट में दो पहिया गाड़ी, ऑटो, गुड्स कैरियर की गाड़ियां भी हैं। सोनिया गांधी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वह इस तरह का फर्जीवाड़ा क्यों कर रही हैं। वहीं प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि प्रियंका गांधी की ओर से जो लिस्ट भेजी गई है उसमे काफी फर्जीवाड़ा है, मजदूरों के नाम पर घिनौनी राजनीति की जा रही है।
लेटर वॉर शुरू हो गया था
बता दें कि पहले योगी सरकार की ओर से प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा गया था कि वह इन बसों को लखनऊ में प्रशासन को सौंपे। जिसके बाद प्रियंका गांधी की ओर से पत्र जारी करके सरकार पर पलटवार किया गया। पत्र में कहा गया कि यूपी सरकार ने हमसे 1000 बसों को 19 मई को सुबह 10 बजे लखनऊ में हैंडओवर करने के लिए कहा है। लेकिन संकट में फंसे प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश की अलग-अलग सीमाओं खासतौर पर दिल्ली-यूपी बॉर्डर के गाजियाबाद, नोएडा जैसी जगहों पर मौजूद हैं, इनकी संख्या लाखों में है। मीडिया के माध्यम से पूरा देश इनकी हालत को देख रहा है। ऐसी स्थिति में जब हजारों मजदूर सड़क पर पैदल चल रहे हैं तो 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना ना सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता है और यह एक घोर गरीब विरोधी मानसिकता की उपज है। जिसके बाद यूपी सरकार ने 500 बसों को आज दोपहर 12 बजे तक गौतम बुद्ध नगर के डीएम को मुहैया कराने को कहा था।
प्रियंका ने ट्वीट कर की थी मांग
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा था कि महामारी के समय इंसान की जिंदगी को बचाना, गरीबों की रक्षा करना, उनकी गरिमा की हिफाजत करना हमारा नैतिक दायित्व और अधिकार है। कांग्रेस इस कठिन समय में अपनी पूरी क्षमता और सेवाव्रत के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। ये बसें हमारी सेवा का विस्तार हैं। हमें उप्र में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद। आपको उप्र कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूँ कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उप्र के अपने भाई-बहनो के साथ इस संकट का सामना करने के लिए खड़े रहेंगे।