बहनजी का बंगला बनाने वाले बिल्डर ने किया अखिलेश-माया के बीच पुल का काम
संजय सेठ सपा में कोषाध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संजय राज्यसभा के सांसद भी हैं। सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शुमार संजय सेठ पेशे से बिल्डर हैं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की जोड़ी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भाजपा को परास्त करने के लिए बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी अपनी 23 साल पुरानी दुश्मनी भूल गए और गोरखपुर में जहां सीएम योगी का किला ध्वस्त कर दिया, वहीं फूलपुर में आजादी के बाद पहली बार खिला 'कमल' महज चार साल में ही मुरझा गया। इस जीत के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सपा-बसपा के भावी गठबंधन की चर्चा सियासी गलियारों में गरम है।
संजय सेठ ने कराई मायावती अखिलेश की मुलाकात
बुधवार को जब गोरखपुर और फूलपुर के चुनावी नतीजों का ऐलान हुआ तो शाम को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव के लिए मर्सडीज गाड़ी भिजवाई और सपा अध्यक्ष खुद उनसे मिलने मायावती के घर पहुंचे। दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात को कराने में जिस शख्स ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई, उसका नाम है संजय सेठ। मायावती और अखिलेश की मुलाकात के दौरान संजय सेठ भी मौजूद थे।
कौन हैं संजय सेठ?
संजय सेठ सपा में कोषाध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संजय राज्यसभा के सांसद भी हैं। सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शुमार संजय सेठ पेशे से बिल्डर हैं। मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक यादव के साथ वो शालीमार कॉर्प नामक रियल स्टेट कंपनी में पार्टनर हैं। लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती, इटावा में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का बंगला इन्होंने ही बनवाया है।
मायावती से भी संजय सेठ के अच्छे संबंध
मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के अलावा संजय सेठ के मायावती से भी अच्छे संबंध हैं। बुधवार को जब सपा-बसपा की जोड़ी ने कमाल दिखाया तो संजय सेठ ने ही अखिलेश यादव और मायावती की मुलाकात की आधारशिला रखी। अखिलेश यादव जब सरकारी आवास '13 ए माल एवेन्यू' पहुंचे तो खुद मायावती ने गुलदस्ता देकर सपा अध्यक्ष का स्वागत किया। सियासी जानकारों की मानें तो अखिलेश-मायावती की यह मुलाकात अगले लोकसभा चुनाव के लिए काफी अहम साबित होगी।
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