यूपी उपचुनाव: इस सीट पर BSP को मिले ओवैसी की पार्टी से भी कम वोट
नई दिल्ली- 5-6 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके बहुजन समाज पार्टी यूपी में लोकसभा की 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन, चुनाव नतीजों के बाद मायावती ने यह कहकर गठबंधन तोड़ लिया कि बबुआ अपनी पार्टी का वोट बीएसपी के उम्मीदवारों को ट्रांसफर करवा पाने में नाकाम रहे। लेकिन, 21 अक्टूबर को हुए 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणामों का विश्लेषण करने से स्पष्ट है कि अखिलेश की पार्टी ही यूपी में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है और उनकी बुआ की पार्टी कम से कम 7 सीटों पर तो ओवैसी की पार्टी और कांग्रेस से भी पीछे छूट गई है।
सिर्फ दो सीटों पर दूसरे नंबर रही बीएसपी
इस उपचुनाव में सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर ही मायावती की पार्टी दूसरे स्थान पर जगह बना पाने में कामयाब हो सकी है- जलालपुर और इगलास। इनमें से जलालपुर सीट तो बीएसपी के सीटिंग एमएलए रितेश पांडे के अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव जीतने की वजह से ही खाली हुई थी। जबकि, इगलास विधानसभा सीट पर सपा-आरएलडी का उम्मीदवार ही नहीं था, क्योंकि यहां पेपर पूरे नहीं हो पाने के चलते आरएलडी के सुमन दिवाकर का नामांकन रद्द हो गया था। दरअसल, हाल तक बीएसपी की यह नीति थी कि वह उपचुनावों से दूर रहती थी। इस साल मई में ही उसने अपनी रणनीति में बदलाव किया था और हमीरपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था। तब उसका सपा के साथ गठबंधन भी था। लेकिन, जिस उम्मीद को लेकर उसने गठबंधन तोड़ा वही अब उसे बुरी तरह नुकसान पहुंचाते दिख रही है।
6 सीट पर कांग्रेस से भी पिछड़ी मायावती की पार्टी
अगर यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों को मिले वोटों की पड़ताल करें तो बहन जी की पार्टी को 6 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने भी इस बार पछाड़ दिया है। मसलन, गंगोह में कांग्रेस उम्मीदवार से बीएसपी को लगभग आधे वोट मिले, रामपुर में करीब एक हजार कम,लखनऊ कैंट में भी लगभग आधा, गोविंदनगर में करीब 34 हजार वोटों का फासला रहा, प्रतापगढ़ में भी कांग्रेस बीएसपी से आगे रही और जैदपुर में भी कांग्रेस के उम्मीदवार को बसपा के प्रत्याशी से दोगुने से भी ज्यादा वोट हासिल हुए।
प्रतापगढ़ में ओवैसी की पार्टी ने भी बसपा को पछाड़ा
यूपी में बीएसपी के लिए सबसे फजीहत वाला परिणाम प्रतापगढ़ सीट में आया। यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार को 20,264 वोट मिले, जबकि मायावती की पार्टी के प्रत्याशी को महज 18,980 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार को भी उससे ज्यादा 19,667 वोट मिले हैं। यह वही सीट है जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा को 41,750 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रही थी।
इन सीटों से भी बीएसपी के लिए बुरी खबर
उपचुनाव में बीएसपी को कई सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनावों से भी कम वोट मिले हैं। जैसे घोसी में इस बार उसे 50,775 वोट मिले हैं, जो कि 2017 में मिले वोटों से करीब 30,000 वोट कम हैं। यही नहीं बलहा जैसी सुरक्षित सीट पर भी बीएसपी के वोट कम हुए हैं। इस बार यहां उसे मात्र 31,640 वोट ही मिले हैं और वह तीसरे स्थान पर रही है। जबकि, 2017 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर उसे 57,519 वोट मिले थे और उसका उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था। इसी तरह से जैदपुर में भी 2017 में बसपा के उम्मीदवार को 48,095 वोट मिले थे, जो कि इस बार घटकर सिर्फ 18,202 वोट रह गए हैं।