कौन हैं लकी यादव, जिन्होंने यूपी उपचुनाव में सपा को एकमात्र सीट पर दिलाई है जीत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव के नतीजों में एक बार फिर बीजेपी का दबदबा साबित हुआ है। प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव हुए थे जिनमें बीजेपी ने 6 सीटों पर कब्जा जमाया। लेकिन बीजेपी तमाम जोर लगाने के बावजूद सपा के हाथ से एक सीट अपने खाते में नहीं ला पाई। ये सीट है जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा जहां सपा के उम्मीदवार लकी यादव (Lucky Yadav) ने जीत हासिल की है।
लकी यादव ने इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी बाहुबली धनंजय सिंह को कड़े मुकाबले में 4632 वोटों से हराया। सपा के टिकट पर उतरे लकी यादव ने 73384 वोट हासिल किए जबकि निर्दलीय धनंजय सिंह को 68780 वोट मिले। विधानसभा में कुल 207239 वोट पड़े थे जिसमें 35.45% मतदाताओं ने लकी यादव को वोट दिया।
पिता
को
कहा
जाता
था
मिनी
CM
आइए
जानते
हैं
कौन
हैं
लकी
यादव
जिन्होंने
सपा
को
इस
उपचुनाव
में
एकमात्र
सीट
दिलाकर
पार्टी
को
उपचुनाव
में
खाली
हाथ
नहीं
रहने
दिया।
लकी
यादव
सपा
के
दिग्गज
नेता
रहे
पारसनाथ
यादव
के
बेटे
हैं।
2017
के
चुनाव
में
मल्हनी
सीट
से
पारसनाथ
यादव
ने
जीत
हासिल
की
थी
लेकिन
उनका
निधन
हो
गया
जिसके
चलते
इस
सीट
पर
उपचुनाव
हुआ
था।
पारसनाथ यादव सपा को मुलायम के करीबी लोगों में शुमार थे। पारस के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2017 में मुलायम सिंह यादव ने सिर्फ दो सीट से चुनाव प्रचार किया था जिनमें एक सीट मल्हनी थी। उन्होंने पारसनाथ के लिए वोट मांगा था। पूर्वांचल में उन्हें मिनी मुख्यमंत्री के नाम से जाना जाता था। पारसनाथ यादव ने मल्हनी सीट से 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीत हासिल की थी।
पिता
की
विरासत
संभाली
यही
वजह
है
कि
जब
मल्हनी
सीट
पर
प्रत्याशी
बनाने
की
बात
आई
तो
सपा
ने
पारसनाथ
यादव
के
बेटे
लकी
यादव
को
ही
प्रत्याशी
बनाया।
लकी
यादव
ने
एक
बार
फिर
ये
सीट
सपा
की
झोली
में
डालकर
न
सिर्फ
पार्टी
की
साख
बचाई
बल्कि
पिता
की
विरासत
को
भी
संभाला
है।
यहां
ये
जानना
जरूरी
है
उनमें
मल्हनी
ही
इकलौती
सीट
थी
जहां
सपा
जीती
थी।
90 हजार से अधिक यादव मतदाताओं वाली सीट पर सपा को उम्मीद थी कि वह लकी साबित होंगे और लकी ने इसे सही साबित किया। इसके साथ ही पिता के निधन के बाद उपजी सहानुभूति की लहर ने उनके हक में काम किया। लेकिन लकी यादव की राह इतनी आसान नहीं रही।
सीएम
योगी
भी
आए
थे
खिलाफ
में
सभा
करने
यादव
बाहुल्य
सीट
होने
के
बावजूद
लकी
यादव
को
धनंजय
सिंह
ने
कड़ी
टक्कर
दी
और
आखिरकार
जीत-हार
का
अंतर
सिर्फ
4632
वोट
रहा।
लकी
यादव
के
लिए
चुनौती
सिर्फ
धनंजय
सिंह
ही
नहीं
भाजपा
भी
रही।
भाजपा
ने
यहां
से
इलाहाबाद
विश्वविद्यालय
छात्रसंघ
के
पूर्व
उपाध्यक्ष
मनोज
सिंह
को
मैदान
में
उतारा
था।
भाजपा
प्रत्याशी
के
समर्थन
में
खुद
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
रैली
की
थी
लेकिन
भाजपा
के
तमाम
जोर
लगाने
के
बावजूद
लकी
यादव
ने
वोटों
को
ज्यादा
बाहर
नहीं
जाने
दिया
और
नतीजा
ये
हुआ
कि
बीजेपी
तीसरे
नंबर
पर
रही।
भाजपा
को
सिर्फ
28803
वोट
मिले।
वहीं
25164
वोट
पाकर
बसपा
के
जयप्रकाश
दूबे
चौथे
नंबर
पर
रहे।
Bihar Election Result 2020: कांग्रेस को 70 सीट देकर RJD ने गलती कर दी ? टीम का फिसड्डी खिलाड़ी निकली