यूपी, बिहार में हालात हुए बेकाबू , 4 राज्यों का कोरोना ग्रोथ रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक ने पिछले एक-डेढ़ महीने में कोरोना वायरस मामलों में नाटकीय वृद्धि देखने को मिली है। ये दोनों राज्य उन चार अन्य बड़े राज्य है जहां यह बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में जुलाई से कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पहले से ही 1 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
जबकि बिहार ओर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं असम में अभी तक कोरोना के 68,000 मामले सामने आ चुके हैं और राज्य में कोरोना के मामले हर दिन तेजी से बढ़ रहे हैं। इन चार राज्यों में से जुलाई के बाद से हर दिन नए कोरोना मामलों में 4 प्रतिशत से अधिक की दैनिक विकास दर देखने को मिल रही है। जब राष्ट्रीय विकास दर में लगातार गिरावट आ रही है, और अब यह लगभग 2.8 प्रतिशत है।
जुलाई की शुरुआत के बाद से, बिहार और असम में संक्रमण की संख्या आठ गुना से अधिक हो गई है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह पांच गुना बढ़ गई है। पश्चिम बंगाल ने इस अवधि के दौरान अपनी संख्या में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मृत्यु की संख्या में समानुपातिक रूप से वृद्धि हुई है, और दोनों राज्यों ने अब तक 2,200 से अधिक मौतों की गिनती की है। लेकिन बिहार और असम में, मौत की संख्या अपेक्षाकृत कम है। बिहार में अब तक सिर्फ 474 मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि असम में मरने वालों की संख्या 161 है।
इसके अलावा ओडिशा, केरल और पंजाब में लंबे समय के बाद अपेक्षाकृत उच्च वृद्धि देखने को मिली है। ओडिशा में अब तक इस बीमारी के 50,000 से अधिक पुष्ट मामले आए हैं। जिनमें से अधिकांश गंजाम और खुर्दा जिलों से देखने को मिले हैं। जहां मई के पहले सप्ताह में प्रवासी श्रमिकों की आमद के साथ प्रसार शुरू हो गया था। केरल ने महामारी के पहले तीन महीनों के दौरान कोरोना के मामलों का काफी अच्छे से संभाला था। केरल मॉडल की पूरे देश में तारीफ हुई थी। लेकिन पिछले डेढ़ महीने से अपेक्षाकृत अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं।
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