जानें चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के बारे में वो बातें, जिन्हें जानकर आप करेंगे गर्व
अब भारत के नए चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर हैं। उनके बार में कई ऐसी खास बातें हैं जिन्हें कहीं लिखा तो नहीं गया लेकिन वो उनकी शख्सियत में शामिल है।
नई दिल्ली। हर तीन महीने पर वो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) जा कर खून दान करते हैं। वो ये काम बीते 4 दशक से कर रहे हैं। ये कोई और नहीं बल्कि भारत के नए चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर हैं। खेहर ने देश के 44वें चीफ जस्टिस के तौर पर बुधवार को शपथ ली। उन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शपथ दिलाई। जस्टिस खेहर के दोस्तों और साथ काम करने वालों का समूह बहुत छोटा है। शांत और एकांतप्रिय रहना, खेहर और उनकी पत्नी मधुप्रीत कौर की रोजमर्रा की जिन्दगी का हिस्सा है।
चंडीगढ़
के
वकीलों
ने
जस्टिस
खेहर
के
बारे
में
बात
करते
हुए
कहा
पंजाब
और
हरियाणा
हाईकोर्ट
बार
एसोशिएसन
की
ओर
से
आयोजित
किए
गए
किसी
भी
ब्लड
डोनेशन
कैंप
में
खून
दान
करने
से
नहीं
छोड़ते
थे।
उनके
लिये
ब्लड
डोनेशन
एक
मिशन
की
तरह
है।
कहा
कि
डोनेट
करने
के
बाद
वो
तुरतं
बेंच
पर
वापस
आ
जाते
थे
और
काम
करते
थे।
केन्याई
आप्रवासी
के
बेटे
जस्टिस
खेहर
उस
वक्त
स्कूल
में
थे
जब
वो
अपने
परिवार
के
साथ
भारत
आए।
पंजाब
विश्वविद्यालय
से
गोल्ड
मेडलिस्ट
जस्टिस
खेहर
पहली
बार
उस
वक्त
सुर्खियों
का
हिस्सा
बने
जब
उन्होंने
सुप्रीम
कोर्ट
में
जज
रहे
वी
राम
स्वामी
का
जबर्दस्त
समर्थन
किया
था।
साल
1993
में
रामस्वामी
पर
पंजाब
और
हरियाणा
के
चीफ
जस्टिस
रहते
हुए
भ्रष्टाचार
करने
का
आरोप
था।
रामस्वामी,
आजाद
भारत
के
पहले
जज
थे
जिनके
खिलाफ
महाभियोग
चलाया
जाना
था
लेकिन
लोकसभा
में
प्रस्ताव
दिया
गया
था
लेकिन
वो
पारित
नहीं
हो
सका।
इसके
कई
साल
बाद
2010
में
बतौर
चीफ
जस्टिस
उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट
खेहर,
भारत
के
उप-राष्ट्रपति
हामिद
अंसारी
द्वारा
कर्नाटक
हाईकोर्ट
के
चीफ
जस्टिस
डी
दिनाकरण
के
खिलाफ
भ्रष्टाचार
करने
की
शिकायत
की
जांच
करने
के
लिए
3
जजों
की
कमेटी
में
शामिल
किए
गए
था।
दिनाकरण
के
खिलाफ
महाभियोग
की
प्रक्रिया
जारी
थी।
प्रक्रिया
और
आगे
बढ़ती,
दिनाकरण
ने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
बतौर
चीफ
जस्टिस
कर्नाटक
हाईकोर्ट
खेहर
ने
हाईकोर्ट
के
एक
जज
का
विरोध
किया,
जिस
पर
एक
महिला
सिविल
जज
संग
यौन
शोषण
करने
का
आरोप
लगा
था।
फलस्वरूप
हाईकोर्ट
के
जज
को
इस्तीफा
देना
पड़ा
था।
ये
भी
पढ़े:
न्यायाधीश
जगदीश
सिंह
खेहर
बने
देश
के
44
वें
मुख्य
न्यायाधीश,
राष्ट्रपति
प्रणब
मुखर्जी
ने
दिलाई
शपथ