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80 मुकदमों में बचे रहे, लेकिन 81वें केस ने आज़म खान को परिवार समेत पहुंचा दिया जेल!

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बेंगलुरू। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान, उनकी पत्नी प्रो. तंजीम फातिमा खान और उनकेर बेटे अब्दुल्ला खान को आखिरकार जेल यात्रा सुनिश्चित हो गई। बुधवार को यूपी के कभी सबसे ताकतवर कबीना मंत्री रहे आजम खान ने परिवार समेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिन्हें अगले 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फिलहाल, रामपुर जेल पहुंच चुके आजम खान को रामपुर जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

azam khan

आजम खान को जिस बेटे की वजह परिवार समेत जेल जाना पड़ा है अब उसकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है। इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने अब्दुल्ला आजम खान से वसूली करने का भी आदेश दिया है। अब्दुल्ला आजम खान की विधानसभा सदस्यता फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में रद्द की गई है।

दरअसल, वरिष्ठ सपा नेता आजम खान पिछले कई महीनों से कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे थे और समन के भी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे है। उन्होंने गत बुधवार को परिवार समेत सरेंडर इसलिए करना पड़ा, क्योंकि उनके कोर्ट में पेश नहीं होने के बाद कोर्ट ने उनके घर की कुर्की के आदेश जारी कर दिए थे। कह सकते हैं कि आजम खान के पास सरेंडर करने के अलावा कोई दूसरा नहीं था। यह नहीं करते तो क्या करते वाली स्थिति आजम खान बिल्कुल नहीं थे।

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गौरतलब है आजम खान के ऊपर किसानों के जमीनों के जबरन व अवैध अधिग्रहण समेत कुल 81 प्राथिमिकी दर्ज हो चुके थे, जिनमें में 29 मुकदमों में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसके बाद उन मामलों में आजम की गिरफ्तारी नहीं हो सकती थी, लेकिन बेटे अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले ने उन्हें परिवार समेत जेल की दहलीज तक पहुंचा दिया।

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सवाल है कि क्या रामपुर जेल से फिलहाल सीतापुर जेल पहुंचा दिए गए आजम खान का अब राजनीतिक अवसान शुरू हो गया है, क्योंकि पूरे प्रदेश में एक छ्त्र राज करने वाले आजम खान की तूती रामपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में बोलती थी। यानी जो बोल दिया प्रशासन उसे पूरा करने में जुट जाती थी। याद कीजिए, आजम खान की खोई हुई भैसों का किस्सा, जिसे ढू़ंढ़ने के लिए पूरे रामपुर के आलाधिकारी हलकान थे और एक वर्तमान है कि खुद आजम खान बकरी और भैसों की चोरी के मुकदमे दर्ज हैं।

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के चहेते आजम खान आज भले ही जेल में बंद है, लेकिन रामपुर की विधानसभा सीट से वर्ष 1980 में शुरू हुआ उनका सियासी सफ़र बेहद दिलचस्प है। यही वह दौर था जब रामपुर का रूतबा रामपुर के वास्तविक नवाबों से निकलकर आजम खान की झोली में आ गई। तब से लेकर कल तक रामपुर में आजम खान का ही चुनावी सिक्का चलता रहा।

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पिछले विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने रिकॉर्ड 325 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी तब भी वह रामपुर विधानसभा का सीट नहीं निकाल पाई थी। यही हाल कमोबेश 2019 लोकसभा चुनाव में भी दिखा जब आजम खान रामपुर लोकसभा सीट से चुनकर संसद पहुंच गए जबकि रामपुर सीट जीतने के लिए बीजेपी ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।

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वर्ष 1992 में नेताजी के नाम से मशहूर हुए मुलायम सिंह यादव ने जब अपनी खुद की पार्टी बनाने का फैसला किया तो आजम खान सपा में शामि हो गए। आजम खान इससे पहले कई पार्टियों में रहे, इनमें जनता पार्टी और लोकदल प्रमुख है। जनता दल से करीब 4 बार विधायक चुने गए आजम खान रिकॉर्ड 9 बार रामपुर सीट से विधायक चुने गए हैं।

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यह सिलसिला वर्ष 1980 से कायम है जब वो जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार रामपुर से चुनाव लड़े थे। आजम खान चूंकि समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे इसलिए मुलायम सिंह यादव के ही, बल्कि मौजूदा सपा मुखिया और मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव के भी वो खास हैं तभी तो अखिलेश यादव सीतापुर जेल में उनसे गुरूवार को मिलने जा रहे हैं।

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माना जाता है मुलायम के माई (Muslim+Yadav) समीकरण में आजम खान सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभरे और फिर समाजवादी पार्टी लगातार मजबूत होते चले गए। रामपुर से लेकर लखनऊ तक उनकी हनक थी। जब कभी आजम नाराज होते थे तो खुद मुलायम उन्हें मनाने पहुंचते थे।

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वर्ष 2009 में अमर सिंह के कारण जब आजम खान ने सपा से किनारा कर लिया तो मुलायम सिंह यादव ने अपने सबसे करीबी अमर सिंह को ही साइड लाइन कर दिया और फिर आजम को दोबारा पार्टी में ले आए। तब कहा जाता था कि रामपुर में वही होता था जो आजम खान चाहते थे।

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लेकिन समय बदला और जब वर्ष 2017 में यूपी की राजनीति में बदलाव आया और 14 वर्षों का वनवास झेलने के बाद बीजेपी का आगाज हुआ और अप्रत्याशित रूप से योगी आदित्यनाथ सूबे के मुखिया बने, तो रामपुर से लेकर लखनऊ के बेताज बादशाह रहे आजम खान के बुरे दिन शुरू हो गए।

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जौहर विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित किए गए अवैध जमीन की कलई खुली तो आजम खान पर 81 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हुए। यानी जिस रामपुर में उनके खिलाफ कोई बोलने की हिम्मत नहीं करता था, वहां एक-एक करके कई गवाह सामने आ चुके हैं।

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वर्तमान स्थिति यह है कि रामपुर का प्रशासन आजम खान को भू-माफिया घोषित कर चुका है। उन पर डकैती की साजिश रचने से लेकर शत्रु संपत्ति कब्जाने तक के मामले में दर्ज हो चुके हैं। इन मुकदमों में सेना पर विवादित बयान देने, जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन कब्जाने, रामपुर से सांसद रह चुकीं फिल्मी अभिनेत्री व पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने और बिजली चोरी का मामला शामिल है।

कहा जाता है कि यूपी में योगी सरकार के काबिज होने के बाद आजम खान पर मुकदमों की लिस्ट लंबी होती चली गई और उनकी परेशानी का दौर भी धीरे-धीरे बढ़ता चला गया। अब हालत यह हो गई है कि अगर गत बुधवार को आजम खान परिवार समेत कोर्ट में सरेंडर नहीं करते तो उनका घर की कुर्क हो जाता था।

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कह सकते हैं कि यह आजम खान का ठसक ही थी कि कोर्ट के बार-बार सम्मन के बाद भी आजम खान कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे। नतीजन कोर्ट को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करना पड़ा और अंततः बेटे अब्दुल्ला आजम खां के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में पत्नी समेत उन्हें जेल जाना ही पड़ गया।

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मालूम हो, गत मंगलवार को ही कोर्ट ने समाजवादी नेता व रामपुर के मौजूदा सांसद आजम खान की संपत्ति की कुर्की का आदेश जारी किया था। इससे पहले की कुर्की की प्रक्रिया शुरू होती बुधवार को आजम खान ने परिवार सहित कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

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उल्लेखनीय है बुधवार को आजम खान के वकीलों ने दर्ज 81 में से 17 मामलों में कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की। उनमें से कुछ में जमानत मिल गई है और कुछ में तारीख मिली है, लेकिन बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में बुरी तरह फंसे आजम खान की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने बेहद तल्खी टिप्पणी करते हुए तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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यह जानना दिलचस्प रहेगा कि आजम खान के जेल जाने की खबर पर पहले खासकर रामपुर के लोगों में किसी को भरोसा नहीं हुआ, लेकिन जब खबर पक्की निकली तो पीड़ितों ने एकदूसरे को मिठाई बांटकर जश्न मनाया, लेकिन जश्न मनाने वाले में सबसे आगे बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता थे।

यह भी पढ़ें- आजम खान की गिरफ्तारी पर बोले CM योगी- हम गंदगी साफ कर रहे हैं

हम गंदगी को साफ कर रहे हैंः सीएम योगी आदित्य नाथ

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आजम खान की जेल यात्रा पर मुखर होकर यूपी के मुखिया आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए कहा कि 'हम गंदगी को साफ कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी रूप में हो।' हालांकि सपा मुखिया अखिलेश यादव आजम खान के जेल जाने को बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा कि जल्द ही अदालत से न्याय मिलेगा, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सपा मुखिया के सामने दुविधा लगतार बढ़ती ही चली जाएगी कि वो अपनी पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के पक्ष में खड़े हो या नहीं और खड़े हो भी तो कैसे...क्योंकि कमजोर आजम खान सपा के किसी मतलब के नहीं रह जाएंगे।

आजम पर भारी पड़ा बेटे के दो-दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

आजम पर भारी पड़ा बेटे के दो-दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

मुकदमा विधायक अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा है। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने जनवरी 2019 में अब्दुल्ला पर धोखाधड़ी से दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने, इसके लिए आजम खान और उनकी पत्नी ने शपथपत्र देकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर लिखाई थी। पुलिस ने अप्रैल 2019 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। तभी से अदालत में मुकदमा विचाराधीन है। सांसद आजम खान के खिलाफ अब तक करीब 80 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। दो मामलों में बुधवार भी उनके खिलाफ धारा-82 के तहत कुर्की नोटिस अदालत से जारी हुए थे। इनमें एक मामला पड़ोसी को धमकाने और दूसरा आचार संहिता उल्लंघन का था।

रिजॉर्ट हमसफर को लेकर पत्नी तंजीम व बेटे अब्दु्ला पर केस दर्ज है

रिजॉर्ट हमसफर को लेकर पत्नी तंजीम व बेटे अब्दु्ला पर केस दर्ज है

रिजॉर्ट हमसफर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप में आजम खान की पत्नी व राज्यसभा सांसद तजीन फातमा और बेटे अदीब व अब्दुल्ला बुधवार को केस दर्ज किया गया है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने डीएम से शिकायत की थी कि, रिजॉर्ट के नाम पर जमीन हड़पी गई है। डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा की तहरीर पर तीनों पर धारा 447 व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 2 और 3 के तहत शहर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है। बीते दिनों प्रशासन की टीम ने रिजॉर्ट में छापा मारा था। बिजली और पानी की चोरी का मामला सामने आया था। बिजली चोरी के मामले में 30 लाख का जुर्माना भी ठोका है।

81 में से 29 मुकदमों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगा दी थी रोक

81 में से 29 मुकदमों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगा दी थी रोक

आजम खान के ऊपर किसानों के जमीनों के जबरन व अवैध अधिग्रहण समेत कुल 81 प्राथिमिकी दर्ज हो चुके थे, जिनमें में 29 मुकदमों में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसके बाद उन मामलों में आजम की गिरफ्तारी नहीं हो सकती थी, लेकिन बेटे अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले ने उन्हें परिवार समेत जेल की दहलीज तक पहुंचा दिया।

28 मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज

28 मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज

आजम खान के ऊपर कुल 28 मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में अजीम नगर थाने में दर्ज हुए हैं. जबकि 11 मुकदमे गंज थाने में लोगों के घर तोड़ने और लूटपाट करने के आरोप में दर्ज कराए गए हैं। बुधवार को रामपुर में जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 28 मुकदमों और किताबें चोरी करने के एक केस में सपा सांसद आजम खान की अग्रिम जमानत की अर्जी को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया।

जमीन हड़पने के मामलों में आजम को हो सकती है 10 साल की सजा

जमीन हड़पने के मामलों में आजम को हो सकती है 10 साल की सजा

जौहर यूनिवर्स्टी के लिए किसानों की जमीन हड़पने के मामलों में अगर आजम खान दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है. क्योंकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद आईपीसी की धारा 389 को भी बढ़ा दिया है। यह गैर जमानती धारा है और इस धारा में 10 साल तक की सजा का भी प्रवाधान है.

आजम खान पर शत्रु संपत्ति मामले में भी केस दर्ज है

आजम खान पर शत्रु संपत्ति मामले में भी केस दर्ज है

रामपुर से लोकसभा सदस्य आजम खान पर शत्रु संपत्ति को वफ्फ (Wakf) संपत्ति में दर्ज करने और वक्फ संपत्ति को हड़पने का आरोप लगा है। इस मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष वसीम रिजवी और सुन्नी वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारुखी सहित वफ्फ बोर्ड के अधिकारियों सहित कुल नौ लोगों पर केस दर्ज हुआ है। अल्लामा जमीर नकवी की शिकायत पर अजीमनगर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। धारा 420, 467, 468, 471, 447, 409, 201, 120बी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत केस दर्ज किए गए हैं।

किताबों और शेरोन की मूर्तियों की चोरी का भी आरोप

किताबों और शेरोन की मूर्तियों की चोरी का भी आरोप

यूनिवर्सिटी की मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी से चोरी की पुरानी और महंगी किताबें बरामद की गई थीं। कार्रवाई के दौरान वहां से पुलिस को एक और चीज हाथ लग गई जिसके बारे में पुलिस को अंदाजा भी नहीं था। दरअसल यूनिवर्सिटी में छापेमारी के दौरान रियासतकालीन रामपुर क्लब से चुराई गई शेरों की मूर्तियां रखी मिलीं. यह मूर्तियां सपा के कार्यकाल में चोरी हुई थीं. पीडब्लूडी ने शेरों की मूर्तियां होने की पुष्टि की है. इस मामले में बीते 16 जून को थाना गंज में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. यह एफआईआर मदरसा आलिया के प्रिंसिपल जुबेद खां ने दर्ज कराई थी.

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English summary
A total of 81 FIRs were registered against Azam Khan, including forcible and illegal acquisition of farmers' land, out of which 29 cases have been stayed by the Allahabad High Court, after which Azam could not be arrested in those cases, but The fake birth certificate case of son Abdullah led him to the threshold of jail with family.
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