उन्नाव रेप पीड़िता के वकील की डीएम को लिखी चिट्ठी आई सामने, जताई थी हत्या की आशंका, मांगा था हथियार का लाइसेंस
नई दिल्ली। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के वकील ने 15 जुलाई को ही जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर अपने साथ किसी अनहोनी की आशंका जता दी थी और हथियार का लाइसेंस दिए जाने की मांग की थी। पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह ने चिट्ठी में जिलाधिकारी को साफ लिखा है कि इस केस को लड़ने की वजह से उसकी हत्या कराई जा सकती है।
चिट्ठी के बाद भी नहीं जागा प्रशासन
वकील ने डीएम से तत्काल हथियार देने की मांग चिट्ठी में की है। उन्होंने लिखा है कि 2018 में उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया लेकिन सत्ता के प्रभाव के चलते उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। ऐसे में उसको हथियार का लाइसेंस दिया जाए। इस चिट्ठी के लिखे जाने के 13 दिन बाद 28 जुलाई को वकील और पीड़िता की कार रायबरेली में हादसे का शिकार हो गई। इसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। जबकि पीड़िता और वकील घायल हैं। दोनों का लखनऊ में इलाज हो रहा है।
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पीड़िता ने चीफ जस्टिस को खत लिख कही थी धमकियां मिलने की बात
उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने भी 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत लिखा था। इसमें उसने विधायक कुलदीप सेंगर के करीबी लोगों पर घर आकर डराने धमकाने और केस वापस लेने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने भी इसमें अपने साथ किसी अनहोनी का डर जताया था।
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क्या है ये पूरा मामला
बता दें कि उन्नाव की लड़की ने 2017 में बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। लड़की के सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश किए जाने के बाद यह मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद सेंगर को गिरफ्तार किया गया था। तब से सेंगर जेल में है। लड़की बीते रविवार को अपने वकील और परिवार के लोगों के साथ जा रही थी। तो उसकी कार को ट्रक ने टक्कर मार दी। सेंगर पर ये हमला करवाने का आरोप है। सेंगर और दस अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार से इस केस में सुनवाई शुरू कर दी है।