उन्नाव रेप केस में सेंगर को हो सकती है कितनी सजा?
नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी से निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय कर दिए। 2017 के उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक के खिलाफ पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए गए। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। सह आरोपी शशि सिंह पर भी साजिश रचने और अपहरण के आरोप तय किए गए। जिन धाराओं में कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपी बनाया गया है, दोषी पाए जाने पर आखिर उन्हें कितनी सजा हो सकती है?
कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय
उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सीबीआई ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जज से कहा कि जांच में पीड़िता के आरोप सही पाए गए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ रेप किया था। सीबीआई ने कहा कि शशि सिंह के साजिश में शामिल होने के आरोप भी सही पाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में 12 अप्रैल को 2018 को केस दर्ज किया। इसके बाद मामला सीबीआई के पास आया।
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में चल रही सुनवाई
सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि इस मामले में उन्होंने लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। जांच में पाया गया कि 4 जून 2017 को रेप वाली बात सही है। जिन धाराओं में आरोपी विधायक के खिलाफ चार्जशीट हुई उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कानूनी जानकारों के मुताबिक, अगर इन धाराओं में आरोपी विधायक दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें करीब 30 साल से ज्यादा की सजा हो सकता है, यही नहीं उन्हें उम्र कैद भी हो सकती है।
दोषी पाए जाने पर सेंगर को हो सकती है इतनी सजा
जिन धाराओं के तहत विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय हुए हैं, उनमें धारा 120B ,363, 366, 376, 506, पोक्सो एक्ट 2 और 3 के तहत चार्जशीट पेश की गई है। इन धाराओं में कितनी सजा हो सकती है। 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण) में जेल की सजा जिसमें अधिकतम सात साल तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं धारा 366 के तहत आरोपी अगर महिला के खिलाफ बलात्कार के इरादे से अपहरण का दोषी पाया जाता है तो जेल की सजा हो सकती है, उसे अधिकतम 10 साल तक सजा हो सकती है। इसमें जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ये एक गैरजमानती अपराध है। धारा 376 के अंतर्गत अगर आरोपी दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल से लेकर उम्र कैद की सजा और जुर्माना हो सकता है। ये भी एक गैरजमानती अपराध है।
अगर दोषी पाए गए विधायक सेंगर तो हो सकती है उम्रकैद
धारा 506 में दोषी पाए जाने पर अधिकतम दो साल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें जमानत मिल सकती है। इसके साथ-साथ बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) एक्ट की धारा 3 और धारा 4 में दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी सजा हो सकती है। इसमें सात साल से लेकर उम्रकैद हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हालांकि आरोप तय किए जाने के दौरान अदालत ने जब कुलदीप सिंह सेंगर से पूछा कि क्या वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं? कुलदीप सेंगर ने इससे इनकार कर दिया। विधायक सेंगर ने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे।