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उन्नाव रेप केस: मुख्य आरोपी को कोर्ट ने इस शर्त के साथ दी थी जमानत

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कोर्ट जाने के लिए घर से निकली रेप पीड़िता को जलाकर मार देने की घटना के बाद से लोगों में गुस्सा है। बेटियों की सुरक्षा को लेकर लोग गुस्से में हैं और मांग कर रहे हैं कि दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाए। राजनीतिक दलों ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। जबकि पीड़िता को जिंदा जलाने वाले आरोपियों के परिजनों ने भी सीबीआई जांच कराने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगर जांच में ऐसी दरिंदगी का खुलासा होता है तो सभी को कोर्ट मौत की सजा सुनाए। पीड़िता को जिंदा जलाने के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने पिछले महीने सशर्त जमानत दी थी।

कोर्ट ने दी थी मुख्य आरोपी को सशर्त जमानत

कोर्ट ने दी थी मुख्य आरोपी को सशर्त जमानत

कोर्ट ने 25 नवंबर को मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी को जमानत दी थी और निर्देश दिया था कि आरोपी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा। जमानत देते वक्त कोर्ट ने कहा था कि आरोपी साक्ष्यों के साथ किसी तरीके की छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। हालांकि, सरकारी वकीलों ने आरोपी को जमानत देने का विरोध किया था। वकील ने कोर्ट को बताया था कि दो साल पहले पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था और आरोपियों के दबाव के कारण पीड़िता की शिकायत तक दर्ज नहीं हुई।

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सरकारी वकीलों ने किया था जमानत देने का विरोध

सरकारी वकीलों ने किया था जमानत देने का विरोध

आरोप है कि इसके 10 दिन बाद ही शिवम त्रिवेदी ने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़िता को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद करीब 90 फीसदी तक जल चुकी पीड़िता को एयरलिफ्ट कर लखनऊ से दिल्ली लाया गया था, जहां सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। लेकिन पीड़िता का शरीर इस कदर झुलस चुका था कि डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। उन्नाव रेप पीड़िता का शव रविवार को उसके दादा-दादी की समाधि के पास दफनाया गया।

पीड़िता ने अस्पताल में ली थी आखिरी सांस

पीड़िता ने अस्पताल में ली थी आखिरी सांस

वहीं, इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने के आरोपों के बाद योगी सरकार ने कार्रवाई की है। जिले के एसपी विक्रांत वीर ने रविवार की देर शाम 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। एसपी ने बिहार थाना प्रभारी अजय त्रिपाठी समेत दो दरोगाओं और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में बिहार प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, प्रभारी बीट अरविन्द सिंह रघुवंशी, श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

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English summary
unnao rape case: accused was granted conditional bail from court
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