Timeline: 90 फीसदी जली उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत, जानिए कब क्या हुआ
Recommended Video
उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जिस गैंगरेप पीड़िता को आरोपियों ने जिंदा जला दिया था, उसकी बीती रात मौत हो गई है। पीड़िता को पहले जिला अस्पताल से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था, बाद में हालत बिगड़ती देख उसे गुरुवार की रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। 90 फीसदी तक जली पीड़िता की शुक्रवार रात कार्डिक अरेस्ट से मौत हो गई है।
11.10 बजे कार्डिक अरेस्ट आया
डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता को 11.10 बजे कार्डिक अरेस्ट आया था, उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन उसकी 11.40 बजे मौत हो गई। 23 साल की पीड़िता को एयरलिफ्ट के माध्यम से दिल्ली के इस अस्पताल में लाया गया था। जिन पांच लोगों ने उसे जलाया उनमें से दो वही हैं, जिन्होंने उसके साथ गैंगरेप किया था, और घटना से तीन दिन पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। वह रेप केस की सुनवाई के लिए रायबरेली कोर्ट जा रही थी, तभी उसपर हमला किया गया।
मार्च में पुलिस को शिकायत दर्ज
पीड़िता ने मार्च में पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई और कहा कि 19 जनवरी से 12 दिसंबर, 2018 के बीच उसके साथ रेप किया गया है। इनमें से मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी ने शादी का झांसा देकर कई बार उसके साथ रेप किया।
दिसंबर, 2018 में गैंगरेप
मजिस्ट्रेट के दिए बयान में उसने कहा शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी ने उसे अगवा कर दिसंबर, 2018 को उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही थी। आरोपी ने जमानत मिलते ही पीड़िता की पीछा करना और उसके धमकी देना शुरू कर दिया था।
उसे अगवा कर लिया
पीड़िता अपने परिवार के साथ उन्नाव बिहार पुलिस स्टेशन कई बार आई लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत नहीं सुनी। जब वो कोर्ट जा रही थी तब पांच लोगों- हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी, शिवम त्रिवेदी और शुभव त्रिवेदी ने उसे अगवा कर लिया।
मदद के लिए एक किमी तक भागी
सूत्रों के अनुसार इन पांच आदमियों में एक गांव के प्रधान का बेटा है। जिसके खिलाफ पीड़िता ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले को वापस लेने के लिए पीड़िता के परिवार पर दबाव बनाया जा रहा था और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। वो जिंदा जलाए जाने के बाद भी मदद के लिए एक किमी तक भागी थी।
आरोपी उसे गांव के बाहर ले गए
रायबरेली अदालत जाते हुए इन पांच आदमियों ने पहले उसके ऊपर मिट्टी का तेल डाला और फिर आग लगा दी। पीड़िता एक किमी तक भागी और 112 नंबर पर मदद के लिए पुलिस को फोन किया और घटना के बारे में बताया। वो पास के रेलवे स्टेशन ही पहुंची थी, तभी ये आरोपी उसे गांव के बाहर ले गए और उसे जिंदा जला दिया।
90 फीसदी जल गई थी
जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पीड़िता काफी जल गई थी और आरोपी घटनास्थल से भाग गए थे। एक चश्मदीद का कहना है कि वह पीड़िता को जलता देख काफी डर गया था, वो मदद के लिए चिल्ला रही थी। उसे बाद में पास के जिला अस्पताल लाया गया। वो 90 फीसदी जल गई थी तो उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया।
रात 11.40 बजे अंतिम सांस ली
शुक्रवार रात डॉक्टरों ने कहा था कि पीड़िता की हालत काफी नाजुक है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। वेंटिलेटर पर रखे जाने से पहले उसने अपने परिवार से कहा था कि वह मरना नहीं चाहती है और चाहती है कि आरोपियों को मौत की सजा हो। लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद भी डॉक्टर उसे नहीं बचा सके और रात 11.40 बजे उसने अंतिम सांस ली।
पाकिस्तान: हिंदू छात्रा की मौत मामले में जांच पूरी, ना रेप हुआ ना हत्या बल्कि....