Unlock 1: पंजाब सरकार ने धार्मिक स्थलों पर इस काम के लिए दी इजाजत, गाइडलाइन में किया बड़ा बदलाव
पंजाब सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश
नई दिल्ली। पंजाब सरकार ने लॉकडाउन के पांचवें चरण को लेकर जारी किए गए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों में कुछ बदलाव किया है। गौरतलब है कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर 8 जून से देशभर के धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए प्रसाद चढ़ाने और लेने पर प्रतिबंध है। अब पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने धार्मिक स्थलों पर प्रसाद चढ़ाने, लंगर बांटने और कम्युनिटी किचन को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है।
प्रसाद, लंगर और कम्युनिटी किचन को अनुमति
पंजाब सरकार द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब राज्य के सभी धार्मिक स्थलों में प्रसाद, लंगर और कम्युनिटी किचन को अनुमति दे दी गई है। राज्य सरकार ने कहा कि 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों पर यह गाइडलाइन लागू हो गई है। हालांकि राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसमे साफ-सफाई, हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखने की हिदायत भी दी गई है।
स्वर्ण मंदिर ने किया था दिशा-निर्देशों का उल्लंघन
बता दें कि सोमवार को धार्मिक स्थल खुलते हुए स्वर्ण मंदिर ने अपने 'लंगर' को फिर से शुरू किया और पंजाब सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए भक्तों के बीच 'प्रसाद' वितरित किया। नियमों को तोड़ने को लेकर स्वर्ण मंदिर का प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंदिर का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'उनकी सरकार किसी भी धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं के साथ हस्तक्षेप करने में विश्वास नहीं करती'।
अमरिंदर सिंह ने किया बचाव
सीएम ने कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया गया था, जिसमें एसएडी एक अभिन्न अंग था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों से राज्य सरकार विवश थी। मंगलवार को पंजाब के गृह विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, अब यह तय किया गया है कि धार्मिक स्थलों पर सामुदायिक रसोई (लंगर) और धार्मिक स्थलों पर प्रसाद परोसने की अनुमति दी जाएगी। नई गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि धार्मिक स्थलों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन द्वारा अनुपालन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से डीएमके विधायक जे. अंबाजगन का निधन, जनप्रतिनिधि की मौत का पहला मामला