भ्रष्ट अफसरों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी ने मंत्रियों को दिया एक और कड़ा निर्देश
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए अफसरों की छुट्टी करनी शुरू कर दी है। आयकर विभाग के 27 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर्ड करने के बाद सरकार अभी और सख्ती बरतने के मूड में दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार ने अब भ्रष्ट और लापरवाह कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा सभी विभागों से अपने कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा करने को कहा है।
कार्मिक मंत्रालय ने दिया सभी मंंत्रालयों को निर्देश
कार्मिक मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को एक परिपत्र जारी करते हुए अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा करने को कहा है। कुछ दिनों पहले ही सरकार ने आयकर विभाग के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर्ड कर दिया था। ये सभी अधिकारी रिश्वत, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न सहित कई गंभीर मामलों में आरोपी थे।
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सभी सरकारी कर्मचारियों की समीक्षा के निर्देश
कार्मिक मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देश में कहा गया है कि सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक सरकारी कर्मचारी को जनहित में समय से पहले सेवानिवृत्त करने जैसी निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन हो और ऐसा निर्णय मनमाना ना हो। सभी सरकारी संगठनों को प्रत्येक महीने की 15 तारीख को रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस समीक्षा की शुरूआत 15 जुलाई 2019 से होगी।
प्रत्येक महीने की 15 तारीख को देनी होगी रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, मूल नियम 56 (जे), (आई) और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के नियम 48 के तहत जारी निर्देशों के मुताबिक, बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद विभाग के 15 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर्ड कर दिया था। इसी महीनें की शुरूआत में राजस्व सेवा के 12 अधिकारियों को भी समय से पहले रिटायर्ड कर दिया गया था।