संसद में संग्राम के बीच विपक्षी नेताओं से मिले केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, क्या खत्म होगा हंगामा
विजय गोयल ने कहा कि वह कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तेलुगू देशम पार्टी और टीआरएस समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के लिये मना रहे हैं
नई दिल्ली। संसद में लगातार 14 दिनों से गतिरोध जारी है ठीक तरीके से काम नहीं हो पा रहा है। संसद में अलग-अलग मुद्दों पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद से उनके घर पर मुलाकात की। इसके बाद विजय गोयल ने एआईएडीएमके नेता वी मैत्रीयण से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राज्यसभा के AIADMK नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा केंद्र सरकार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना चाहिए जहां वह बहुमत में है। वहीं बैठक के बाद विजय गोयल ने कहा, 'मैंने विपक्षी दल टीडीपी, टीआरएस, टीएमसी के कई नेताओं से मुलाकात की और उनसे संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए कहा।'
संसद में विपक्षी दल लगातार हंगामा कर रहे हैं
बीते 14 दिनों से अलग-अलग मुद्दों को लेकर संसद में विपक्षी दल लगातार हंगामा कर रहे हैं और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इस वजह से संसद की कार्यवाही सामान्य तौर पर नहीं चल पा रही है।सूत्रों के मुताबिक गोयल की कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से लगभग 1 घंटे तक मुलाकात चली और वो शुक्रवार को कई और नेताओं से मिल सकते हैं। गोयल ने मीटिंग के बाद बजट सत्र का दूसरा हिस्सा कुल 23 दिनों का है जिसमें 14 दिन हंगामे की वजह से बर्बाद हो चुके हैं।
लगातार 14वें दिन बाधित रही संसद के कार्यवाही
विजय गोयल ने कहा कि वह कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तेलुगू देशम पार्टी और टीआरएस समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के लिये मना रहे हैं क्योंकि इसके कारण पांच मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में एक दिन भी काम नहीं हो पाया है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 23 दिनों का है और उसमें से 14 दिन कामकाज नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि संसद चर्चा के लिये है और सरकार नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है।
एम.वेंकैया नायडू ने अपने चैंबर में विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी
इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने अपने चैंबर में विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी और पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी (संशोधन) विधेयक पारित करने के लिए सहयोग देने के लिए कहा था। इस विधेयक को हालांकि राज्यसभा में बिना किसी बहस के पास कर दिया गया था और उसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
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