महंगी हुईं मोबाइल सेवा के लिए रविशकंर प्रसाद ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली। निजी दूरसंचार कंपनियों ने अपने भारी वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए प्रीपेड उपभोक्ताओं पर कॉल और डाटा की दरों में 50 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी की घोषणा है। निजी कंपनियों की ओर से फोन और इंटरनेट चार्ज मंहगा किए जाने को लेकर सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों का जवाब देते हुए टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, लचर मोबाइल व्यवस्था यूपीए की दागी विरासत थी। मोदी सरकार में इसे दुरुस्त किया गया है।
The mobile phone mess was the scam tainted legacy of UPA. We have set it right, expanded mobile telephony with consumer satisfaction.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 2, 2019
Also Committed to make BSNL/ MTNL professional and profitable.
वहीं दूसरे ट्वीट में रविशंकर ने कहा कि, नरेंद्र मोदी की सरकार को यूपीए से मोबाइल इंटरनेट की उच्च लागत विरासत में मिली थी। जो 2014 में 268.97 रुपए प्रति जीबी थी। अब यह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अनुसार 11.78 रुपए प्रति जीबी हो गई है। बता दें कि, सोमवार को प्रियंका ने ट्वीट किया- 'भाजपा पिछले छह सालों से मोबाइल इंटरनेट और काल सस्ता करने की डींग हांकती थी। अब हवा निकल गई है.।
सितंबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने बड़े घाटे का दावा किया है। ऐसा माना जा रहा है कि वे इसलिए भी दरें बढ़ा रही हैं। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने दिसंबर के शुरू में ही दरें बढ़ाने की घोषणा की थी। कंपनियों ने रविवार को बयान जारी कर अपने विभिन्न प्लान की बढ़ी दरों की जानकारी दी। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह सिर्फ अनलिमिटेड डेटा एवं कॉलिंग की सुविधा वाले प्रीपेड प्लान की दरें बढ़ाई है। वहीं, एयरटेल ने सीमित डेटा एवं कॉलिंग वाले प्लान की शुल्कों में भी संशोधन किया है।
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