महागठबंधन पर बोले पासवान, 'सौ लंगड़े मिलकर भी एक पहलवान नहीं बन सकता'
गुरुवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि इस वक्त कांग्रेस अकेले मोदी को नहीं हरा सकती।
नई दिल्ली। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में पांच राज्यों में से चार में भाजपा की सरकार बनने के बाद विपक्ष अब 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का तोड़ ढूंढ़ने में जुट गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस दूसरे दलों के साथ मिलकर बिहार जैसा महागठबंधन बनाकर लोकसभा चुनाव में उतर सकता है। इस बीच महागठबंधन की खबरों पर सत्ता पक्ष की ओर से प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं।
महागठबंधन पर कसा तंज
महागठबंधन की सुगबुगाहट पर शुक्रवार को जब केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने तंज कसते हुए ऐसा जवाब दिया, जिसपर विवाद भी हो सकता है। पासवान ने महागठबंधन के दलों पर निशाना साधते हुए कहा, 'एक कहावत है कि सौ लंगड़े मिलकर भी एक पहलवान नहीं बन सकता।' आपको बता दें कि गुरुवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर ने विधानसभा चुनावों में हार को लेकर कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़े किए थे। ये भी पढ़ें- जानिए, कितनी सुरक्षित है ईवीएम और कैसे हो सकती है छेड़छाड़
'2019 में कांग्रेस अकेले मुकाबला नहीं कर सकती'
मणिशंकर अय्यर ने गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व में बड़े बदलाव की जरुरत है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकती है। अगर नरेंद्र मोदी को रोकना है तो कांग्रेस पार्टी को महागठबंधन बनाना होगा। उन्होंने बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से बिहार में महागठबंधन ने चुनाव लड़ा और बीजेपी को करारी शिकस्त दी वो वाकई में बेहद अहम था। यूपी में भी हमने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया लेकिन सपा पहले से ही पारिवारिक विवाद से जूझ रही थी। जिसकी वजह से हमें जरुरी फायदा नहीं मिल सका।
महागठबंधन तैयार करने की कोशिश शुरू
गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महागठबंधन तैयार करने की कोशिश शुरू गई है, ताकि मोदी के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ रही भारतीय जनता पार्टी को रोका जा सके। कांग्रेस की ओर से इस बात के साफ संकेत मिले हैं कि पार्टी लगातार महागठबंधन की रणनीति पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव से पहले, अगले साल तक ये महागठबंधन सामने आ जाएगा।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में भी गठबंधन
वहीं, जेडीयू की रणनीति पर गौर करें तो उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक गठबंधन तैयार किया जा सकता है। जेडीयू का मानना है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा को रोकने में यह गठबंधन कामयाब हो सकता है। माना जा रहा है कि सीपीएम भी ऐसे गठबंधन को लेकर रणनीति बनाता नजर आ रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगभग तीन चौथाई बहुमत हासिल किया।
कांग्रेस-सपा गठबंधन में बसपा भी होती तो...
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था। हालांकि बहुजन समाज पार्टी इससे अलग रही। यूपी चुनाव के नतीजों के बाद जेडीयू और राष्ट्रीय लोकदल की ओर से जो प्रतिक्रिया आई है उसके मुताबिक अगर यूपी में कांग्रेस-सपा गठबंधन में बसपा भी शामिल होती तो बीजेपी की जीत कभी नहीं होती। उनका कहना था कि कांग्रेस को अपना फायदा नजर आ रहा था इसलिए सपा से उन्होंने गठबंधन किया। हालांकि इससे उन्हें भी फायदा नहीं मिल सका। इसी वजह से कांग्रेस-सपा गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी।