Ram Vilas Paswan passes away: पासवान के निधन पर रो पड़े मांझी, बोले-'मेरा बड़ा भाई चला गया'
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन हो गया है। 74 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इस बात की जानकारी उनके बेटे चिराग पासवान ने दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा 'पापा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।' MISS YOU PAPA । आपको बता दें कि हाल ही में उनका हार्ट सर्जरी हुआ था। वो दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती थे। राम विलास पासवान के निधन से न सिर्फ राजनीतिक गलियारे बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है। राम विलास पासवान के निधन पर हर क्षेत्र के दिग्गजों से शोक प्रकट किया है।
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रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, साथ में काम करना, पासवान जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है। मंत्रिमंडल की बैठकों के दौरान उनके हस्तक्षेप व्यावहारिक थे। राजनीतिक ज्ञान, राज्य-कौशल से लेकर शासन के मुद्दों तक, वह प्रतिभाशाली थे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।
उन्होंने लिखा- '' मैं बेहद दुखी हूं, हमारे देश में एक निर्वात पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। श्री रामविलास पासवान जी का निधन एक व्यक्तिगत नुक़सान है, मैंने एक दोस्त और सहकर्मी खो दिया। वो एक ऐसे शख़्स थे जो हमेशा ये सुनिश्चित करने को उत्सुक रहते थे कि हर ग़रीब एक सम्मानपूर्ण जीवन जी सकें। ''
केंद्रीय मंत्री के निधन की खबर मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा, 'रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। गरीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज खो दी। उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि "ग़रीब, वंचित तथा शोषित के उत्थान में पासवान जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।"
पासवान के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 'रामविलास पासवान जी का निधन मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक है। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा गरीबों, दलितों एवं वंचितों के कल्याण के लिए काम किया। उनकी गिनती बिहार की मिट्टी से जुड़े क़द्दावर नेताओं में थी और उनके सभी दलों के साथ अच्छे सम्बंध थे। उन्होंने आगे कहा कि रामविलासजी के निधन से बिहार राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ी रिक्तता पैदा हो गयी है। उनके साथ मेरी बहुत लम्बी और अच्छी मित्रता थी। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। इस दुःख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार एवं समर्थकों को संबल प्रदान करें। ॐ शान्ति!
कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर शोक जताया। चिराग को पासवान को टैग करते हुए ट्वीट किया- मैं उनका काफी सम्मान करता था। उनका निधन केवल आपके लिए नहीं बल्कि देश और हम सब का नुकसान है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर शोक जताया। कहा- भारतीय राजनीति में उनका शख्सियत काफी बड़ी थी, वे एक बेहतरीन वक्ता, कुशल प्रशासक और बेहतरीन आयोजक थे। उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने उनके साथ दोस्ती के किस्से याद कर भावुक हो गए हैं। शिवानंद तिवारी ने कहा कि मैं रामविलास पासवान को तब से जानता हूं जब वह 1969 में विधायक भी नहीं बने थे। समाजवादी युवजन सभा में उन्होंने हमारे साथ काम किया है। 1970 में मैं और रामविलास पासवान ने शंकराचार्य के छुआछूत के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। शंकराचार्य के खिलाफ मुकदमा किया था, जिसमें रामविलास पासवान खुद गवाह बने थे।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने दुख प्रकट किया। मांझी ने ट्वीट कर कहा- "देश ने अपना नेता खोया है पर मैंने अपना बड़ा भाई खो दिया, मेरे लिए यह पीड़ा असहनीय है, उनकी कमी मेरे जीवन में हमेशा खलेगी।"
राम विलास पासवान के बारे में
रामविलास पासवान ने साल 2000 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अलग होकर एलजेपी बनाई साथ ही एनडीए में भी शामिल रहे और मंत्री भी बने। पासवान ने 2002 के गुजरात दंगों के मसले पर एनडीए से नाता तोड़ लिया था। 2004 के लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर एनडीए विरोध का मोर्चा संभाल लिया। आगे रामविलास पासवान 2004 में यूपीए में शामिल होकर केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने।
2009 में पासवान को कांग्रेस से किनारा करना महंगा पड़ा। इस दौर में एलजेपी का तो सफाया हुआ ही, रामविलास पासवान भी अपने सियासी गढ़ हाजीपुर में चुनाव हार गए। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए व यूपीए, दोनों के दरवाजे पासवान के लिए खुले थे। वक्त की नजाकत भांप पासवान ने एनडीए का रूख किया। चुनाव में एनडीए की जीत के बाद वे मंत्री बने। आगे 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वे एनडीए के साथ रहे। फिलहाल राज्यसभा के सांसद थे रामविलास पासवान।
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