विजय माल्या पर बयान के बाद अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी सफाई
नई दिल्ली। मोदी सरकार में परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से भगौड़े विजय माल्या को लेकर दिए गए एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। इस पर अब नितिन गडकरी ने सफाई दी है। नितिन गडकरी ने कहा कि मैंने यह भी कहा था कि विजय माल्या का खाता 40 साल तक प्राइम अकाउंट रहा था और 41वें साल बिगड़ गया। तो बिजनेस में अप और डाउन होता रहता है। लेकिन इन दोनों बातों अलग तरीके से पेश किया गया।
बता दें कि अपने पहले बयान में नितिन गडकरी ने कहा था कि विजय माल्या को चोर कहना अनुचित है। उन्होंने कहा कि संकट से जूझ रहे उद्योगपति का चार दशक तक ठीक समय पर कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड रहा है। इस दौरान नितिन गडकरी ने यह स्पष्ट किया कि उनका माल्या के साथ किसी तरह का कारोबारी लेनदेन नहीं है। उन्होंने धोखाधड़ी करने वालों पर सख्ती की बात करते हुए कहा कि यदि नीरव मोदी या विजय माल्या ने वित्तिय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। लेकिन अगर कोई परेशानी में आता है और हम उस पर धोखेबाज का लेबल लगा दे तो इससे हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती है।
कारोबार
में
उतार-चढ़ाव
आते
हैं
नितिन
गडकरी
ने
अपने
बयान
में
कहा
था
कि
कारोबार
में
उतार-चढ़ाव
आते
हैं
यदि
किसी
को
दिक्कत
आती
है
तो
उसका
समर्थन
किया
जाना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
कारोबार
में
जोखिम
होता
है
चाहे
वो
बैंकिंग
हो
या
फिर
बीमा
हर
बिजनेस
में
उतार-चढ़ाव
आते
रहते
हैं।
बता
दें
कि
गडकरी
ने
इस
दौरान
अपने
राजनीति
करियर
का
भी
उदाहरण
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
26
साल
की
उम्र
में
वो
चुनाव
हार
गए
थे,
लेकिन
उन्होंने
इस
हार
को
उस
तरह
से
नहीं
लिया
जैसे
की
उनका
राजनीतिक
करियर
समाप्त
हो
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
जब
कोई
गंभीर
बीमार
होता
है
तो
उसे
पहले
आईसीयू
में
रखा
जाता
है,
लेकिन
हमारे
बैंकिंग
सिस्टम
में
पहले
बीमार
कंपनी
को
आईसीयू
में
रखा
जाता
है
और
फिर
तय
कर
दिया
जाता
है
कि
वह
खत्म
हो
चुकी
है
।
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