हत्या में सजायाफ्ता युवकों का स्वागत-सम्मान करने पर जयंत सिन्हा ने जताया दुख
नई दिल्ली। अपने संसदीय क्षेत्र हजारीबाग में एक शख्स को पीट-पीट कर मार देने के मामले में सजायाफ्या युवकों का स्वागत करने और उन्हें मिटाई खिलाने को लेकर जयंत सिन्हा ने सफाई दी है। केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने कहा है कि वो किसी भी ऐसे व्यक्ति की तरफदारी नहीं कर सकते, जो कानून को अपने हाथ में लेता हो। उन्होंने कहा कि मेरे कृत्य से कोई परेशान हुआ है तो इसका मुझे दुख है।
पिछले साल 27 जून को करीब 100 लोगों की भीड़ ने पशु व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की हजारीबाग जिले के रामगढ़ में दिनदहाड़े पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच महीने में सुनवाई करते हुए इस साल 21 मार्च को 11 को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा पाने के बाद सभी दोषियों ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आठ लोगों को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते हफ्ते जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद आठ सजायाफ्ता युवक हजारीबाग से सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के घर पहुंचे। जहां पर जयंत सिन्हा ने इन सभी युवकों का माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया।
हत्या में दोषी युवकों के स्वागत समारोह की तस्वीरें सामने आई तो सिन्हा सवालों के घेरे में आ गए। आलोचना होने पर सिन्हा ने कहा है कि ये लोग घर आए तो मैंने उन्हें केवल इसकी शुभकामनाएं दी थीं। सिन्हा ने कहा कि वो किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं। कानून अपना काम करेगा और जो दोषी होगा उसे सजा मिलेगी, वहीं अगर कोई निर्दोष है तो वो छूटेगा। सिन्हा ने कहा कि वो जनप्रतिनिधि हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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