डॉ. हर्षवर्धन बने 'स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड' के चेयरमैन, अगले 3 साल तक रहेंगे अध्यक्ष
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से देश के साथ पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। इसके अलावा और भी ऐसी बीमारियां है, जो देश के लिए चिंता का विषय हैं। जिसमें टीबी सबसे ऊपर है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को 'स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड' का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, यह एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जो 2025 तक भारत से टीबी के खात्मे के आंदोलन में योगदान दे रहा है।

टीबी के खिलाफ लड़ाई में दुनियाभर की शक्तियों के साथ स्टॉप टीबी पार्टनरशिप एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है, जो वैश्विक स्तर को टीबी को हराने के लिए आवश्यक चिकित्सा, सामाजिक और वित्तीय विशेषज्ञता की मदद मुहैया कराती है। इस प्रतिष्ठित वैश्विक संस्था के अध्यक्ष के रूप में डॉ. हर्षवर्धन की नियुक्ति भारत के लिए गर्व की बात है। स्वास्थ्य मंत्री का कार्यकाल जुलाई से शुरू होगा और वो अगले तीन साल तक इस पद पर बने रहेंगे।
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'स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड' की स्थापना 2000 में हुई थी। इसका मकसद दुनियाभर से टीबी को खत्म करना है। मार्च 1998 में लंदन में आयोजित टीबी महामारी पर समिति के पहले सत्र की बैठक के बाद संगठन की कल्पना की गई थी। अपने शुरुआती वर्ष में ही एम्स्टर्डम घोषणा के माध्यम से स्टाप टीबी पार्टनरशिप ने 20 देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों से सहयोगात्मक कार्रवाई का आह्वान किया, जो टीबी की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं।