रविशंकर प्रसाद ने महबूबा मुफ्ती के तिरंगे पर बयान को कहा राष्ट्रविरोधी, बोले-सेक्युलर लॉबी चुप क्यों?
नई दिल्ली। महबूबा मुफ्ती के जम्मू कश्मीर को उनका अलग झंडे फिर से दिए जाने और तिरंगा ना उठाने को लेकर दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कड़ा एतराज जताया है। प्रसाद ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, भारत के तिरंगे का जिस तरह से अपमान किया गया उसकी हम भर्त्सना करते हैं। तिरंगा देश का झंडा है और जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है। भाजपा नेता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती के बयान पर सेक्युलर चुप क्यों हैं।
370 बहाल नहीं होगा: प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा, अनुच्छेद 370 अब बहाल नहीं होगा। एक देश में दो निशान और दो प्रधान अब नहीं चलेंगे कि यहां भी झंडा होगा वहां भी झंडा होगा। उन्होंने कहा, तथाकथित सेक्युलर लॉबी के लोग इस मामले पर क्यों शांत हैं, ये आश्चर्य की बात है। जो देश में कुछ भी हो रोज भाजपा के खिलाफ झंडा लेकर खड़ा हो जाते हैं, वो महबूबा मुफ्ती के इतने बड़े राष्ट्रविरोधी वक्तव्य पर भी खामोश हैं। ये दिखाता है कि उनका दोहरा चरित्र और दोहरे मानदंड क्या है।
गृह राज्यमंत्री ने कही ये बात
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने महबूबा मुफ्ती के बयान पर कहा, जम्मू-कश्मीर में परिवार राज और भ्रष्टाचार खत्म होने से कुछ लोग बौखला गए हैं। इसी परेशानी में वो अनाप-शनाप बोल रहे हैं। जम्मू कश्मीर के एक नेता बोलते हैं कि हम चीन के समर्थन से जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लाएंगे। दूसरा नेता बोलता है कि हम भारत का तिरंगा झंडा नहीं फहराएंगे। यह लोग पूरी तरह से असंतुलित हो गए हैं। अब तक कश्मीर में सिर्फ भ्रष्टाचार चलता रहा। जो अब नहीं होगा तो ये लोग अब परेशान हो रहे हैं।
क्या कहा है महबूबा मुफ्ती ने
बीते साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया था। इसके बाद से पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हिरासत में थीं। हाल ही में उनकी रिहाई हुई है। रिहाई के बाद शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुफ्ती ने इसमें कहा कि वह तिरंगा तभी थामेंगी जब राज्य का पहले का झंडा बहाल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने और तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से पिछले साल 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से वहां के सिविल सचिवालय से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटा लिया गया था, जो कि पहले वहां तिरंगे के साथ फहराया जाता था।
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