नेशनल हाईवे का 90 फीसदी काम शुरू हुआ, मजदूरों को मिलेगी मदद: नितिन गडकरी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए कई सरकारी परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में भी दिल्ली-मुंबई नेशनल हाईवे का 90 फीसदी काम शुरू हो चुका है। गडकरी ने ये बयान महाराष्ट्र में शुरू हुए हाईवे के काम के आधार पर दिया है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों प्रवासी मजदूरों के पलायन से कुछ मुश्किलें जरूर आई हैं लेकिन जह वह अपने गृह राज्य से लौटेंगे तो फिर से काम शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस दौरान कई सरकारी परियोजनाएं भी ठप पड़ी हैं जिस पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बात की। गडकरी ने बताया कि मैंने महाराष्ट्र की समीक्षा की है, वहां 90 प्रतिशत सड़क निर्माण शुरू हो गया है। कोरोना संकट में मंत्रालय 170 परियोजनाओं पर काम कर रहा है जिनमें से सभी शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह पलायन कर रहे मजदूरों के लिए मददगार होगा, अगर वहां रोजगार है तो वहां प्रवासी मजदूरों को काम की कोई समस्या नहीं है।
पीएम मोदी के संबोधन के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी स्वदेशी उत्पादों को पहली प्राथमिकता देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, हमें खादी और ग्रामोद्योग को विकसित करने की आवश्यकता है क्योंकि यह पिछड़े क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रोजगार दे रहा है। इसकी वजह से बहुत सारे ऑर्डर गाँव के उद्योगों, खादी उद्योगों को दिए जाएंगे जिससे अधिक रोजगार पैदा होंगे।
#WATCH Union Min Nitin Gadkari says "90% of road construction has started. I took review of Maharashtra, Ministry is working on 170 projects all of which have started. I'm expecting it'll be helpful to labourers, if there's employment then there will be no problem of migration.." pic.twitter.com/TUYVT6WgDk
— ANI (@ANI) May 13, 2020
गडकरी ने कहा, इस समय हमारे पास ग्रामीण उद्योगों का 88,000 करोड़ रुपये का कारोबार है। हमारा लक्ष्य इसे 2 साल के भीतर 5 लाख करोड़ रुपए करने का है। ये खादी उद्योगों के लिए भी मददगार हो सकता है। हमें खादी और ग्राम उद्योग को विकसित करने की आवश्यकता है क्योंकि यह पिछड़े क्षेत्र में अधिकतम रोजगार दे रहा है। गांव में बहुत से ऑर्डर खादी उद्योगों को मिल रहे हैं। इसमें रोजगार बढ़ाने की बहुत संभावना है। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक, जो विशेष रूप से आदिवासी और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनको फायदा मिलेगा।
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