'लव जिहाद' पर सरकार ने कहा- कानून में इसकी की कोई परिभाषा नहीं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को 'लव जिहाद' पर स्थिति स्पष्ट की है। संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि 'लव जिहाद' मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है और इससे जुड़ा कोई मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है। बता दें कि, केरल में 'लव जिहाद' बताकर कई मामले सामने आए थे। जिनमें हादिया मामला उनके बीच सबसे चर्चा में रहा था। शुरू में, यह कथित तौर पर, 'लव जिहाद' का मामला था, लेकिन बाद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से साफ हुआ कि यह लव जिहाद का केस नहीं था।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कांग्रेस नेता और सांसद बेन्नी बेहनान के प्रश्न के जवाब में कहा कि, संविधान का अनुच्छेद किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है। उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय सहित कई अदालतों ने इस विचार को सही ठहराया है। रेड्डी ने कहा, यह लव जिहाद शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है।
उन्होंने कहा कि, लव जिहाद का कोई मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है। हालांकि यह माना कि केरल में दूसरे धर्मों के बीच शादी होने के दो मामले सामने आए थे। इनकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की थी। बता दें कि, इससे पहले आरटीआई एक एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने पिछले साल 26 दिसंबर में गृह मंत्रालय में एक आरटीआई दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के संबंध में जानकारी मांगी थी।
इस सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था कि, उन्हें 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि, एक्टिविस्ट साकेत गोखले गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान का जिक्र किया था जिसमें उन्होंने कहा था, दिल्ली के 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' को सबक सिखाना होगा और उन्हें सज़ा देनी होगी।
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