रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए किस फसल के कितने बढ़े दाम
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने रबी फसलों की (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एमएसपी बढ़ाए जाने को मंजूरी दी है। चना का एमएसपी 8.3% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ाया गया है, रेपसीड और सरसों का एमएसपी 7% तक बढ़ाया गया है, गेहूं का एमएसपी 5.3% बढ़ाया गया है तथा जौ का एमएसपी 5.7% तक बढ़ाया गया है। कृषि मंत्री ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि एमएसपी के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी।

कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने ट्वीट कर लिखा, रबी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया। किसानों को लागत मूल्य पर 106 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी। गेंहू का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। इसमें 50 रुपए प्रति क्विंटल बढोतरी की गई है। चना का समर्थन मूल्य 5100 रूपए प्रति क्विंटल घोषित, चना के समर्थन मूल्य में 225 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि लागत मूल्य पर किसानों को 78 प्रतिशत का मुनाफा।
जौं का समर्थन मूल्य 1600 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। जौं के समर्थन मूल्य में 75 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। मसूर का समर्थन मूल्य 5100 रूपए प्रति क्विंटल घोषित हुआ है। मसूर के समर्थन मूल्य में 300 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि, समर्थन मूल्य में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि। सरसों एवं रेपसीड का समर्थन मूल्य 4650 रूपए प्रति क्विंटल घोषितय़ सरसों एवं रेपसीड के समर्थन मूल्य में 225 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि। समर्थन मूल्य में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि। कुसुम्भ का समर्थन मूल्य 5327 रूपए प्रति क्विंटल घोषित। कुसुम्भ के समर्थन मूल्य में 112 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई। समर्थन मूल्य में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि।
सोमवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने ये निर्णय लिया है। किसानों से जुड़े तीन बिल हाल ही में संसद से पास हुए हैं। जिनको लेकर पंजाब, हरियाणा में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी के बीच मोदी कैबिनेट ने गेहूं, चना और दूसरी रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों पर कैबिनेट ने ये फैसला लिया है।
मोदी सरकार किसानों से जुड़े बिल लेकर आई है, जिनको संसद से मंजूरी भी मिल चुकी है। इन बिलों को लेकर किसानों में विरोध है। इनमें एमएसपी को लेकर किसानों के कई सवाल हैं। किसानों का कहना है कि एमएसपी का हक उनसे ये नया कानून छीन लेगा। वहीं सरकार इससे इनकार कर रही है। सरकार के एमएसपी बढ़ाने के फैसले को किसानों को शांत करने की तरह से देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कृषि सुधार विधेयकों को देश और किसानों के हित में बताया है उन्होंने कहा, देश में अब तक उपज और बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून हैं, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हुए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। इसलिए इस व्यवस्था में बदलाव करना आवश्यक था। यह बदलाव हमारी सरकार ने कर के दिखा दिया है। नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दी है कि वह किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपनी फल और सब्जियों को अपनी शर्तों पर बेच सकता है। अब उसे अपने क्षेत्र की मंडी के अलावा भी कई और विकल्प मिल गए हैं।
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