तीन तलाक से जुड़े बिल को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
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नई दिल्ली। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) बिल यानि त्वरित ट्रिपल तलाक पर तैयार किए गए बिल को कैबिनेट ने आज अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार इस बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में ला सकती है। राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। बिल में तीन तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किये गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी करार दिया था।
जम्मू कश्मीर को छोड़ पूरे देश में लागू होगा
ड्राफ्ट को तैयार करने वाले मंत्री समूह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी थे। मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा। प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा।
आठ राज्यों का मिला केंद्र को समर्थन
इस बिल का आठ राज्यों ने समर्थन किया है वहीं बाकी राज्यों का जवाब आना बाकी है। कानून मंत्रालय ने तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए दंडनीय और गैर-जमानती-अपराध बनाने के लिए सभी राज्यों से राय मांगी थी। ड्राफ्ट बिल में तुरंत ट्रिपल तलाक देने के दोषियों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना करने का प्रस्ताव शामिल है। ये एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा। पीड़ित मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता का अधिकार और नाबालिग बच्चों को कस्टडी देने का भी प्रस्ताव है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के महीने में तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। हालांकि बाद में शीर्ष अदालत ने इस पर रिपोर्ट देने को कहा था। अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश भर से तीन तलाक के 37 मामले सामने आए थे। वहीं उसमें से ज्यादातर मामले यूपी से आए थे।
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