Gujarat election 2017: गुजरात चुनाव में नोटा बन सकता है BJP की जीत की राह में रोड़ा
नई दिल्ली। गुजरात में 9 दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान में लोगों को पहली बार नोटा का ऑप्शन मिलेगा। जो लोग मोदी सरकार से जीएसटी एंव अन्य मुद्दों पर नाराज हैं तो वे नोटा का उपयोग कर सकते हैं। अगर विश्लेषकों की माने तो कुछ जातीय समूह और छोटे तथा मध्यम व्यवसायी भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं जो जीएसटी को लेकर भाजपा से नाखुश हैं। भाजपा ने यह कहते हुए इन दावे को खारिज कर दिया कि नोटा खेल बिगाड़ सकता है क्योंकि पार्टी को अपनी नीतियों की लोकप्रिय अपील पर विश्वास है जो हाल के पंचायत चुनाव परिणामों में दिखा। वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीनों में नोटा का विकल्प नहीं था। बहरहाल इस बार मतदाता इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों में 4.20 लाख से अधिक मतदाताओं द्वारा नोटा का उपयोग किया गया था।
लोग भाजपा के खिलाफ अपना सकते हैं नोटा
विश्लेषक के मुताबिक, उस वक्त कांग्रेस अपने सबसे खराब राजनीतिक दौर से गुजर रही थी और मध्य तथा पश्चित भारत में सत्ता विरोधी लहर थी। फिर भी 4.20 लाख मतदाताओं ने गुजरात में नोटा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा, इस बार कुछ सामाजिक-आर्थिक वर्ग साारूढ़ भाजपा से निराश है। कुछ जातियां भगवा दल का पुरजोर विरोध कर रही हैं जबकि छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों जैसे कुछ सेक्टर जीएसटी लागू करने के लिए इसकी काफी आलोचना कर रहे हैं। नोटा का विकल्प वे लोग अपना सकते हैं जिन्होंने पहले भजापा नेताओं का विरोध किया था।
नोटा विकल्प का ज्यादा असर नहीं होगा
लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि नोटा विकल्प से इस पर ज्यादा असर नहीं होगा और हाल के ग्राम पंचायत चुनावों में इसे काफी समर्थन मिला। हालांकि, एक भाजपा नेता का कहना है कि, "पिछले पांच सालों में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। युवा काफी हद तक भाजपा सरकार से संतुष्ट हैं। हालांकि हम स्वीकार करते हैं कि कुछ लोग बीजेपी उम्मीदवार के लिए मतदान में नोटा का उपयोग करेंगे। फिर भी हम नए मतदाता जोड़ने में सफल रहे हैं।
मतदाता नोटा का इस्तेमाल करेंगे तो दोनों बड़ी पार्टियां प्रभावित होंगी
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि नोटा से हमारा खेल खराब नहीं होगा। अगर कुछ मतदाता नोटा का इस्तेमाल करेंगे तो दोनों बड़ी पार्टियां प्रभावित होंगी न कि सिर्फ भाजपा। वहीं नोटा के प्रति कांग्रेस ने अपना रूख बदला है, खासकर तब जब चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में 182 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के लिए 78 सीटों पर जीत की संभावना बताई गई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पहले नोटा से भाजपा की जीत का अंतर कम होने की संभावना थी। अब नोटा और कुछ गैर भाजपा और भाजपा विरोधी मतदाताओं के एकजुट होने से हम कुछ और सीटों पर जीत हासिल कर सकेंगे।