सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले में देरी करना दुर्भाग्यपूर्ण: बीजेपी
नई दिल्ली। राम जन्मभूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनवाई में हो रही देरी पर बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा, 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस बार भी 1992 से पहले की तरह न्यायपालिका की तरफ से राम मंदिर को लेकर विलंब किया जा रहा है। इससे राम मंदिर समर्थक चिंतित महसूस कर रहे हैं और आरएसएस ने केवल यह स्पष्ट किया है। अब फिर से इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट उसी प्रकार की देरी कर रहा है। यह कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं है।
अयोध्या के विवादित जमीन के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनवाई टाले जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि इस मसले पर 1992 के पहले की तरह ही टालमटोल हो रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। राम माधव ने कहा कि 29 अक्टूबर से राम मंदिर निर्माण पर सुनवाई की बात सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही कही थी। फिर सुप्रीम कोर्ट ने ही अब कहा कि तीन महीने बाद इस मामले की सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि देशभर के हिंदू समाज और राम मंदिर से जुड़े सभी लोगों में इस मुद्दे को लेकर चिंता व्याप्त है। आरएसएस ने उसी चिंता को व्यक्त किया है।
बता दें राम माधव का यह बयान संघ के सर कार्यवाहक भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान के बाद आया है। भैय्या जी ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो, राम मंदिर के लिए 1992 जैसा ही आंदोलन किया जाएगा। भैय्याजी जोशी से शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
वही आज योग गुरु बाबा रामदेव ने मंदिर निर्माण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, 'यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा, आना ही चाहिए। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? संतो/राम भक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं, मुझे लगता है इसी वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा।
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