Dinesh Trivedi का समझिए इशारा: मोदी-शाह से बहस कर सकते हैं, TMC में नहीं
नई दिल्ली: पूर्व रेल मंत्री और टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी ने अब खुलकर टीएमसी और पार्टी के खिलाफ अपनी भावनाएं जाहिर करनी शुरू कर दी हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला हुआ है। त्रिवेदी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में टीएमसी की आंतरिक हालात को लेकर कई सारे खुलासे किए हैं और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिल पर पश्चिम बंगाल में हुए हमले की भी कड़ी निंदा की है। उन्होंने शुक्रवार को ही राज्य को हिंसा में झोंकने का आरोप लगाते हुए अपनी राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफे का ऐलान किया है। हालांकि, अभी उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की बात खुलकर नहीं कही है।
दिनेश त्रिवेदी आगे क्या करेंगे ?
जब दिनेश त्रिवेदी से उनके अगले कदम के बारे में पूछा गया कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे? इसपर उन्होंने कहा है कि वो हमेशा अपनी अंतरात्मा की सुनते हैं और उन्होंने जो फैसला लिया है, वह दिल से लिया है। उनके मुताबिक इस्तीफे का फैसला उन्होंने अचानक लिया है। वो बोले, 'मैंने अपने गुरु से बात की और पूछा कि क्या मैं सही कदम उठा रहा हूं। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ो और देश के लिए जो भी अच्छा है वह तुम्हें करना है। मैंने अपने परिवार से बात की। मेरी अंतरात्मा बहुत ही स्पष्ट थी। टीएमसी में जो भी मायने रखते हैं सबको मैसेज किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं है। मैंने इस बात की तसल्ली की कि सबसे पहले ममता बनर्जी को जानकारी मिले। वन हैज टू कीप गोइंग....'
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नरेंद्र भाई का दरवाजा मेरे लिए हमेशा खुला है- त्रिवेदी
जब दिनेश त्रिवेदी से पूछा गया कि वो विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार होंगे? त्रिवेदी बोले कि सार्वजनिक जीवन में आप बिना सांसद या मंत्री बने भी जनता के लिए अच्छा कर सकते हैं। वो बोले, 'जो करता हूं दिल से करता हूं.........ईमानदारी से बोल रहा हूं, आज मेरे लिए भी सबकुछ अचानक था।....मैंने अपनी पत्नी, मेरे गुरु से बात की और सबने कहा कि आगे बढ़ो।' इसके बाद उन्होंने वह बात कह दी, जिसमें उनके अगले सियासी कदम का रहस्य छिपा हो सकता है। वो बोले, 'मैं आपतो बताता हूं, नरेंद्र भाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) 1990 से मेरे दोस्त हैं और हम अभी भी दोस्त बने रहेंगे। उनका दरवाजा मेरे लिए हमेशा खुला हुआ है। अमित भाई (गृहमंत्री अमित शाह) के साथ आप बहस कर सकते हैं, उनसे मतभेद जता सकते हैं, तर्क कर सकते हैं, लेकिन यहां (टीएमसी में)नहीं।'
'टीएमसी में संवाद नहीं होता'
त्रिवेदी ने बिना नाम लिए ममता पर भी निशाना साधा है। उनके मुताबिक पार्टी में संवाहीनता की स्थिति है। उनका कहना है कि आप राजनीतिक दलों से अलग राय रख सकते हैं, लेकिन क्या किसी को गाली देना जरूरी है? कोई भी पार्टी परफेक्ट नहीं ही। जब उनसे पूछा गया कि टीएमसी में कौन चाटूकार हैं, जो उनसे असुरक्षित महसूस करते हैं? इसे 'मैं अपनी ओर से जाहिर नहीं करूंगा (उनके नाम)। यह संदर्भ से बाहर बात अलग चली जाएगी। इसमें नेतृत्व भी है। मुझे असुरक्षित लोगों से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन, नेतृत्व का क्या। कोई संवाद नहीं होता।'
हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है- त्रिवेदी
दिनेश त्रिवेदी ने बताया है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले की उन्होंने निंदा की तो उन्हें ही निशाना बनाया जाने लगा। उन्होंने कहा, 'हमें गाली क्यों देना चाहिए? हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। गाली के लिए कोई जगह नहीं है। मैंने नड्डा के काफिले पर हमले की निंदा की और उसके लिए मेरी निंदा की गई। बंगाली शांति-प्रिय हैं। यहां का दिमाग दूसरी जगह क्यों जाना चाहिए? मुझे लगता है कि बंगाल को इसका हल खुद खोजना होगा।'
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