बुलेट ट्रेन के लिए समंदर के अंदर 2022 तक बन जाएगी सुरंग, अगले साल से शुरू होगा काम: अचल खरे
नई दिल्ली। भारत में पहली बार जापान के सहयोग से बुलेट ट्रेन का सपना सच होने जा रहा है। इस सपने को सच में तब्दील करने के लिए 2022 का लक्ष्य रखा गया है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली यह बुलेट ट्रेन समुद्र के नीचे से भी गुजरेगी जिस पर तेजी और नई तकनीक से काम हो रहा है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन 21 किलोमीटर तक का सफर समंदर के अंदर तय करेगी। सुरंग निर्माण के कार्य को 15 अगस्त, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। पीएम मोदी ने चुनावी वादे पर अमल करते हुए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जापान के साथ समझौता किया है।
परियोजना के पूरा होने पर अहमदाबाद से मुंबई की यात्रा बहुत कम समय में पूरा किया जा सकेगा। फिलहाल इसमें छह-सात घंटे लगते हैं। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे के मुताबिक मुंबई में ठाणे क्रीक में समुद्र के अंदर बुलेट ट्रेन की सुरंग बनाने के लिए मिट्टी और चट्टानों का परीक्षण 'हाइड्रोफोन तकनीक' से शुरू हो गया है। इसके लिए जापान की कंपनी कावासाकी साउंड स्टेटिक रिफ्रैक्टरी टेस्ट कर रही है। खबरों के मुताबिक बनने वाली सुरंग के लिए 66 जगह पर बोरिंग कर समुद्र तल पर विशेष उपकरण फिट किए गए हैं। इनमें ध्वनि तरंग बजकर उनसे प्राप्त आंकड़ों से चट्टान की क्वालिटी का पता चलता है।
जापानी विशेषज्ञ जनवरी, 2018 तक अंतिम रिपोर्ट सौंप देंगे। समंदर के अंदर सुरंग बनाने पर कुल 3,500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अहमदाबाद-मुंबई की दूरी 508 किलोमीटर है। इस परियोजना के लिए जापान ने 0.1 फीसद की रियायती दर पर 88,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। भारत को आने वाले 50 वर्षों में इसे चुकाना होगा। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी की भारत यात्रा के दौरान बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखी गई थी।