कांग्रेस नहीं चाहती काले धन वालों के खिलाफ मिले सुबूत, नामों का खुलासा संभव नहीं-जेटली
काला
धन
मामले
को
लेकर
राजनीतिक
बिसातें
लगातार
बिछ
रही
हैं।
कांग्रेस
पार्टी
नामों
के
खुलासे
को
लेकर
सरकार
पर
लगातार
दवाब
बना
रही
है।
दूसरी
अन्य
पार्टियां
भी
नामों
को
सार्वजनिक
करने
की
बात
कर
रही
हैं।
इस
संबंध
में
वित्त
मंत्री
अरुण
जेटली
ने
कहा
है
कि
काला
धन
सूची
के
नामों
का
खुलासा
नहीं
किया
जाएगा।
अनाधिकृत
तरीके
से
नामों
का
खुलासा
करने
पर
जांच
पर
असर
पडे़गा,
जिसका
सीधा
फायदा
दोषियों
को
मिल
सकता
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
कांग्रेस
पार्टी
नहीं
चाहती
कि
काला
धन
के
खाताधारकों
के
खिलाफ
सुबूत
मिलें।
कहा
कि
समय
से
पहले
सूचना
प्रकाशित
होने
से
खाताधारक
और
सतर्क
हो
जाएंगे
तथा
वे
कोई
दस्तावेज
तैयार
करवा
लेंगे
या
कोई
बहाना
ढूंढ
लेंगे
और
उन्हें
सबूत
नष्ट
करने
का
मौका
भी
मिल
जाएगा।
फेसबुक पर जेटली ने दिया संदेश
जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश में कहा, ‘अनधिकृत तरीके से सूचनाओं का प्रकाशन जांच व आर्थिक, दोनों लिहाज से जोखिम भरा है। इस तरह से जांच गड़बड़ा सकती है। इससे विदहोल्डिंग कर के रूप में (देश को) पाबंदी का सामना भी करना पड़ सकता है।' जेटली ने ऐसे लोगों पर सवाल खड़ा किया जो कर संधियों की परवाह किए बगैर नामों को उजागर करने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस का रवैया समझ से बाहर
वित्तमंत्री ने लिखा है, ‘कांग्रेस पार्टी का रवैया समझ में आता है। वह नहीं चाहती कि (काले धन की जांच के लिए गठित) एसआईटी के पास पहुंचे नामों के सिलसिले में सबूत मिलें। क्या दूसरे भी नासमझ हैं जो केवल वाहवाही लूटना चाहते हैं या वे किसी और के लिए झंडा बुलंद कर रहे हैं।' मंत्री ने विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी काले धन की सच्चाई उजागर करने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजग सरकार ने अपने पास उपलब्ध सारे नाम 27 जून 2014 को ही एसआईटी को सौंप दिए थे।
नामों
के
खुलासे
से
दोषियों
को
फायदा
सरकार
ने
पिछले
सप्ताह
एचएसबीसी
बैंक
जिनीवा
में
खाता
रखने
वाले
627
भारतीयों
के
नाम
एक
सीलबंद
लिफाफे
में
उच्चतम
न्यायालय
को
सौंपे
थे।
जेटली
ने
कहा
है
कि
संधि
का
उल्लंघन
कर
यदि
नाम
जाहिर
किए
गए
तो
इससे
फायदा
खाताधारकों
को
ही
होगा
क्योंकि
दूसरे
देश
इन
अनाधिकृत
खातों
के
बारे
में
सबूत
देने
से
मना
कर
सकते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
अनाधिकृत
खाते
रखने
वाले
बिना
सबूत
या
पुष्टि
के
जांच
या
मुकदमे
में
बच
जाएंगे।
काले
धन
के
दोषी
कर
देगें
सबूत
नष्ट
उन्होंने
कहा
कि
समय
से
पहले
सूचना
प्रकाशित
होने
से
खाताधारक
और
सतर्क
हो
जाएंगे
तथा
वे
कोई
दस्तावेज
तैयार
करवा
लेंगे
या
कोई
बहाना
ढूंढ
लेंगे
और
उन्हें
सबूत
नष्ट
करने
का
मौका
भी
मिल
जाएगा।
जेटली
ने
कहा
कि
कर
संबंधी
सूचनाओं
के
स्वत:
आदान
प्रदान
की
व्यवस्था
के
लिए
बर्लिन
में
50
देशों
की
बैठक
में
भारत
हिस्सा
नहीं
ले
सका
क्योंकि
इसके
गोपनीयता
संबंधी
उपबंध
भारतीय
कानून
के
हिसाब
से
असंवैधानिक
हैं।
भारत
के
अस्तित्व
पर
सवाल
अमेरिका
के
विदेशी
खाता
कर
अनुपालन
अधिनियम
(एफएटीसीए)
के
संबंध
में
वित्तमंत्री
ने
कहा
कि
रिजर्व
बैंक
ने
सरकार
को
आगाह
किया
है
कि
यदि
भारत
अमेरिका
के
इस
कानून
के
साथ
नहीं
चला
तो
इसके
गंभीर
परिणाम
होंगे।
इस
कानून
में
भी
गोपनीयता
संबंधी
उपबंध
हैं।