गांववालों ने ही कर दी गद्दारी, आतंकियों को दी लेफ्टिनेंट फैयाज के गांव आने की सूचना
गांववालों ने आतंकियों को दी थी कुलगाम में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज पैरी के आने की और उनके आर्मी ऑफिसर होने की जानकारी। गांववालों के सामने बस में गोली मारी गई लेफ्टिनेंट फैयाज को और गांववाले देखते रहे।
शोपियां। दुख की बात है कि जिस दिन पूरा देश मुंबई में 23 वर्ष के पॉप सिंगर जस्टिन बीबर के कॉन्सर्ट के बारे में बात कर रहा है उसी दिन मुंबई से हजारों किलोमीटर दूर कश्मीर में 23 वर्ष के ही लेफ्टिनेंट उमर फैयाज पैरी आतंकियों की गोली का निशाना बन जाते हैं। शोपियां में मंगलवार को देर रात लेफ्टिनेंट पैरी को पहले आतंकियों ने अगवा किया और फिर बस में सबके सामने हत्या कर दी। लेफ्टिनेंट पैरी की फेसबुक वॉल पर अब उनके कोर्समेट्स और साथी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
फेसबुक पर श्रद्धांजलि
लेफ्टिनेंट पैरी के कोर्समेट्स को उनकी मौत के बारे में यकीन ही नहीं हो पा रहा है। लेफ्टिनेंट पैरी ने पिछले वर्ष अपनी प्रोफाइल पिक्चर अपडेट की थी और अब उसी फोटोग्राफ पर उनके दोस्त आरआईपी ब्रदर लिख रहे हैं।
दिसंबर 2016 में मिला था कमीशन
लेफ्टिनेंट पैरी दिसंबर 2016 में सेना में कमीशंड हुए थे। उन्हें दो राजपूताना राइफल्स में कमीशन मिला था। लेफ्टिनेंट पैरी कुलगाम में अपनी मौसी के घर पर एक शादी में शिरकत करने के लिए गए थे। वह कुलगाम के ही रहने वाले थे।
गांववालों ने दी आतंकियों को सूचना
लेफ्टिनेंट पैरी कुलगाम आए हैं और वह इंडियन आर्मी ऑफिसर हैं, इस बारे में गांववालों ने ही आतंकियों को जानकारी दी थी। जिस समय आतंकी उन्हें गोली मार रहे थे गांववाले तमाशबीन हुए थे।
आतंकियों ने बुरी तरह पीटा
आतंकियों ने न सिर्फ लेफ्टिनेंट पैरी को अगवा किया बल्कि उन्हें बुरी तरह से पीटा और फिर शोपियां के एक बस स्टैंड पर भीड़ के सामने उन्हें गोली मार दी।
एक जिंदादिल युवा
लेफ्टिनेंट पैरी की फेसबुक वॉल अगर आप देखेंगे तो आपको पता लग जाएगा कि वह एक भी बाकी युवाओं की ही तरह थे। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की हॉकी टीम का हिस्सा थे और हॉकी के काफी अच्छे खिलाड़ी थे।
रक्षा मंत्री जेटली ने की निंदा
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं जताई और कहा कि फयाज घाटी के युवाओं के लिए प्रेरक बने रहेंगे। रक्षा मंत्री जेटली ने ट्वीट किया और लिखा, 'शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फयाज का अपहरण कर हत्या कर देना एक कायरतापूर्ण और नीचतापूर्ण हरकत है।
लेफ्टिनेंट की बहादुरी को सलाम
जेटली ने कहा लेफ्टिनेंट जेटली जम्मू-कश्मीर के बाकी युवाओं के 'रोल मॉडल' थे। वह एक असाधारण खिलाड़ी थे और उनका बलिदान घाटी से आतंक के खात्मे के राष्ट्र के दृढ़ संकल्प को दोहराता है। वहीं सेना के अधिकारी ने कहा, 'सेना बहादुर सैनिक को सलाम करती है और इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है। हम इस नृशंस आंतकी घटना के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।'
एक माह बाद था बर्थडे
लेफ्टिनेंट फैयाज का जन्म आठ जून, 1994 को हुआ था। उनके पिता एक किसान हैं और सेब की खेती करते हैं। वह अपने साथ के बाकी युवाओं को भी हमेशा कुछ न कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते रहते थे।
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