राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद कभी भी धार्मिक नहीं था- उमा भारती
नई दिल्ली। अयोध्या मसले पर सुनवाई पर मस्जिद को लेकर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया है, उसके बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विवादित स्थल मुसलमानों के लिए धार्मिक स्थल नहीं हो सकता है, क्योंकि मुसलमान मक्का को अपना पवित्र स्थान मानते हैं। उमा भारती ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह बयान दिया है। आपको बता दें कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से सुनवाई शुरू होगी।
उमा भारती ने दावा किया है कि राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद कभी भी धार्मिक नहीं था, बल्कि बाद में यह धार्मिक विवाद बन गया। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक विवाद नहीं था, अयोध्या हिंदुओं के लिए धार्मिक स्थल है क्योंकि भगवान राम का यहां जन्म हुआ था। लेकिन मुसलमानों के लिए यह धार्मिक स्थल नहीं है, उनके लिए मक्का धार्मिक स्थल है, वैसे ही जैसे ईसाईयों के लिए वेटिकन सिटी धार्मिक स्थल है। इस मुद्दे को बाद में धार्मिक रंग दे दिया गया, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद आखिरकार यह फिर से जमीन का विवाद बना है।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात का भी सुझाव दिया है कि जमीन के विवाद को कोर्ट के बाहर भी सुलझाया जा सकता है। आजकल हर मुद्दे को कोर्ट में खींचा जाता है, लेकिन अयोध्या विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाया जा सकता है। कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उमा भारती ने कहा कि मेरे लिए यह काफी अहम दिन है, मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं, मुझे उम्मीद है कि इस मसले पर कोर्ट का फैसला भी जल्द आएगा। आपको बता दें कि बाबरी विध्वंश में उमा भारती के अलावा भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है।
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